विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था से नाराज विपक्ष
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान विधानसभा में शनिवार को जोरदार हंगामा हुआ। अध्यक्ष की व्यवस्था से नाराज कांग्रेस के विधायकों ने सदन में ही समानांतर कार्रवाई चलाई इससे काफी देर तक हंगामा एवं अव्यवस्था जैसी स्थिति बनी रही। कांग्रेस के सदस्यों का सहयोग राजपा एवं निर्दलिय विधायकों ने भी किया। वे सदन की वेल में बैठकर ही भाषण देने लगे।
सदन में गृह विभाग की अनुदान मांगों एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चर्चा हुई।
अध्यक्ष ने रूलिंग दे दी कि सभी दलों को उनके सदस्यों की संख्या के आधार पर ही बोलने का समय दिया जाएगा,इसके तहत कांग्रेस के तीन सदस्य बोल सकते है। जबकि कांग्रेस की ओर से 8 सदस्यों ने बोलने की अनुमति मांगी।
अध्यक्ष ने इंकार कर दिया, कहा केवल तीन सदस्य ही बोल सकते हैं। इस पर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। इसे लेकर काफी देर तक बहस होती रही। बाद में सभी कांग्रेस विधायक वेल में आकर धरने पर बैठ गए। इनके साथ विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी भी वेल में धरने पर बैठ गए।
कांग्रेसी विधायकों का धरना रात आठ बजे तक जारी था पहले तो सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री उन्हें समझाने का प्रयास करते रहे,लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए थे। बाद में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विपक्ष के नेता से बात कर धरना समाप्त करवाया। इस बीच अध्यक्ष का विपक्ष विरोध करता रहा। कांग्रेस के कुछ सदस्यों के साथ तो अध्यक्ष की हॉट-टॉक भी हो गई। हंगामे के बीच ऐसे शब्दों तक का इस्तेमाल तक हुआ, जो सदन में नहीं बोले जाते। हंगामे के दौरान भाजपा विधायक मदन राठौड़ ने विपक्ष के नेता डूडी पर अपराधी को अपनी कार में बिठाकर विधानसभा लाने का भी आरोप लगाया।