सभी पार्टियों का फोकस पांच सीटों पर
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान में राजनीतिक दलों का पूरा फोकस अब 24 अप्रेल को होने वाले पांच संसदीय क्षेत्रों के चुनाव पर हो गया है।
प्रदेश की टोंक सवाई मोधोपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली धौलपुर सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा जहां मिशन 25 पूरा करने में जुटी है। वहीं कांग्रेस अपने प्रभाव वाले पुराने इस क्षेत्र में साख बचाने का प्रयास कर रही है। पी.पी.संगमा की राजपा भी दो सीटों पर चुनाव लड़कर तीसरी ताकत का अहसास कराने में जुटी है। इन दो क्षेत्रों टोंक सवाई माधोपुर और दौसा में राजा के नेता किरोड़ी लाल मीणा का अच्छा प्रभाव माना जाता है। सभी पांच सीटों को अपने खाते में लेने के लिए भाजपा ने राज्य सरकार के मंत्रियों,दो दर्जन से अधिक विधायकों,जातिगत नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों सहित करीब दो सौ नेताओं को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव सभी पांचों सीटों के प्रचार अभियान पर निगरानी रख रहे है। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इन्द्रेश कुमार भी संसदीय क्षेत्रावार दौरे कर रहे है। वसुंधरा राजे स्वंय अगले दो दिन में सभी संसदीय क्षेत्रों का दौरा करने वाली है। वहीं कांग्रेस ने रविवार को करौली में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली आयोजित कर प्रचार अभियान को गति दी है। राहुल 22 अप्रेल को अलवर में रोड़ शो करेंगे। कांग्रेस के प्रभाव वाले माने जाने वाले इन पंाचों क्षेत्रों में पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,राष्ट्रीय महासचिव सी.पी.जोशी,केन्द्रीय मंत्री लाल चन्द कटारिया,सहित पचास नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी दौरे कर रहे है। कांग्रेस के अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों को भी गांवों में भेजा गया है। इसके साथ ही परम्परागत वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए जातिगत आधार वाले नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पांच में से एक टोंक सवाई माधोपुर सीट ऐसी है जहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी बाहर के है। कांग्रेस से मो.अजहरूद्दीन और भाजपा के टिकट पर हरियाणा निवासी सुखवीर सिंह जौनपुरिया की तकदीर दांव पर लगी है।
दौसा सीट पर निद्रलिय प्रत्याशी के रूप में जम्मू के एक गुर्जर नेता कांग्रेस एवं भाजपा दोनों के लिए परेशानी का कारण बने हुए है। उनके समर्थन में अब तक आधा दर्जन फिल्मी सितारे रोड शो कर चुके है। बसपा प्रत्याशी के समर्थन में मायावती भी सभा को संबोधित कर चुकी,हालांकि वे अधिक प्रभाव नहीं छोड़ सकी।