अवैध बालगृह से छुड़ाए गए 51 बच्चे
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान बच्चों की तस्करी और बाल मजदूरी का गढ़ बनता जा रहा है। राजस्थान बाल संरक्षण आयोग और बाल कल्याण समिति ने मंगलवार रात अवैध बालगृह के दो ठिकानों से 27 बच्चियों और 24 बच्चों को छुड़ाया। जयपुर के मानसरोवर सेक्टर 52/6 में ग्रेस होम संस्था के बालगृह में 27 लड़कियां और दो लड़के कैद थे। इसी संस्था के सिद्धार्थनगर स्थित ठिकाने से 22 बच्चे छुड़ाए गए। संस्था के संचालक जेकब जॉन को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि बीते रविवार को भी पुलिस ने भरतपुर में सियालदाह एक्सप्रेस से ढाई सौ बच्चों को मुक्त कराया था। करीब 40 लोग इन्हें लेकर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जा रहे थे। संस्था के पास न बालगृह चलाने की अनुमति थी, न ही कोई रजिस्ट्रेशन था। इस बच्चों को बाहरी राज्यों से शिक्षा देने के नाम पर लाया गया है। हालांकि, पुलिस जांच में कोई ऐसी जगह नहीं मिली, जहां इन्हें शिक्षा दी जाती हो। इन बच्चों को न पर्याप्त खाना दिया जाता था और रहने की पर्याप्त जगह ही थी। ठिकाने से शराब और 50 खाली और टूटी हुई बोतलें भी मिली हैं।
संस्था में रहने वाले बच्चे मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, पंजाब, दिल्ली, झारखंड और अन्य राज्यों के हैं। मानसरोवर में दबिश के वक्त 29 बच्चे मिले, जिनमें से दो बाहर खेल रहे थे और बाकी कमरों में बंद थे। सिद्धार्थनगर स्थित दूसरे ठिकाने से छुड़ाए गए बच्चों में मणिपुर के 20, नागालैंड के नौ, नेपाल, हरियाणा के तीन-तीन, उत्तर प्रदेश के पांच, राजस्थान के चार, दिल्ली के दो और असम का एक बच्चा था।
लड़कियों को बालगृह और महिला सदन भेज दिया गया है। बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन दीपक कालरा और बाल कल्याण समिति के चेयरमैन राम प्रकाश बैरवा के मुताबिक, उन्हें कुछ दिन पहले इसकी जानकारी मिली थी। शिक्षा नहीं देने के चलते मणिपुर की एक बालिका को उसके परिजन वापस ले गए, लेकिन ले जाने के एक माह बाद उसकी मौत हो गई। तभी से संस्था की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।
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