ट्विटर की पटरी पर दौड़ रही भारतीय रेल, बजट के बाद भी सिलसिला रहेगा जारी
रेल बजट से पहले रेल मंत्रालय जनता की प्रतिक्रियाओं पर खास ध्यान दे रहा है। इसके लिए ट्विटर का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्रालय की
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेल बजट से पहले रेल मंत्रालय जनता की प्रतिक्रियाओं पर खास ध्यान दे रहा है। इसके लिए ट्विटर का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्रालय की ट्विटर टीम जनता से आने वाले ट्वीट्स पर निरंतर नजर रख रही है। इसका विश्लेषण कर रेलमंत्री सुरेश प्रभु को फीडबैक दिया जा रहा है। यह सिलसिला रेल बजट के बाद भी चलेगा।
ट्विटर पर रेलवे को रोजाना करीब 4,500 से 5,000 के बीच लोगों के ट्वीट्स प्राप्त होते हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से इनमें सकारात्मक, नकारात्मक और तटस्थ ट्वीट्स की छंटाई की जाती है। और तदनुसार रोजाना तकरीबन 70 ट्वीट्स पर फौरन कार्रवाई की जाती है। ट्विटर कंट्रोल रूम में प्राप्त सभी ट्वीट्स को बेहद गंभीरता से देखा जाता है।
इसके बाद की-वर्ड्स के जरिए अच्छे, बुरे और ऊटपटांग ट्वीट्स को समझकर उन पर आगे काम होता है। इसके लिए रेलभवन की चौथी मंजिल पर स्थित ट्विटर रूम में पांच वर्क स्टेशन बनाए गए हैं। ये सभी रेलवे और उसकी सहायक इकाइयों- जैसे इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन और रेल विकास निगम आदि से संबंधित हैं। यहां कंप्यूटर के पीछे बैठे हर व्यक्ति को 1, 2, 3 जैसे कोड नेम से बुलाया जाता है। हर व्यक्ति को रोजाना विश्लेषण के लिए पांच सौ ट्वीट्स दिए जाते हैं।
ये उन्हें उनकी प्रकृति के अनुसार सॉफ्टवेयर के जरिए अलग करते हैं। और उनमें दिए गए तथ्यों के आधार पर उन्हें हाई, लो और अर्जेट में बांटते हैं। इनमें स्वास्थ्य, चोरी और दुर्घटनाओं से संबंधित ट्वीट्स को अर्जेट मानकर उन पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।
इसके लिए सबको जनरल मैनेजर और डिवीजनल रेलवे मैनेजर के ट्विटर हैंडल्स दिए गए हैं। जिन पर जनता के मैसेज को टैग कर आगे बढ़ाया जाता है और जवाब प्राप्त किया जाता है। ट्विटर टीम को उम्मीद है कि बृहस्पतिवार को प्रभु के रेल बजट पेश करने से पहले जनता से काफी बड़ी तादाद में ट्वीट प्राप्त होंगे।