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विकास से वंचित नवाज शरीफ का गांव जाति उमरा

धर्मवीर सिंह मल्हार, जाति उमरा (तरनतारन) पाकिस्तान के दूसरी बार प्रधानमंत्री बने मीयां नवाज शरीफ क

By Edited By: Published: Tue, 07 Jun 2016 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2016 07:05 PM (IST)

धर्मवीर सिंह मल्हार, जाति उमरा (तरनतारन)

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पाकिस्तान के दूसरी बार प्रधानमंत्री बने मीयां नवाज शरीफ के परिवार के साथ वर्ष 2013 में दोस्ती की गांठ मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पहल करते हुए उनके परिवार को पंजाब बुलाया गया था। उस दौरान गांव जति उमरा की नुहार बदलने के लिए मुख्यमंत्री ने 252 लाख के विभिन्न प्रोजेक्टों को मंजूरी दी थी। लेकिन ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी यह प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे हैं। इस कारण गांव के लोगों को पीने वाले पानी की समस्या के साथ-साथ छप्पड़ की बदबू का भी सामना करना पड़ रहा है।

करीब 900 लोगों की आबादी पर आधारित गांव जाति उमरा मीयां नवाज शरीफ का पैतृक गांव है। यह गांव विधानसभा हलका बाबा बकाला साहिब के साथ जुड़ा है। दिसंबर 2013 में मीयां नवाज शरीफ के पारिवारिक सदस्यों को पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा भारत बुलाकर उनका स्वागत किया गया था। उस दौरान मीयां नवाज शरीफ के भाई मीयां मोहम्मद शाहबाज शरीफ यहां आए थे। मौके पर बादल ने गांव जाति उमरा को मॉडल गांव बनाने के लिए जिन प्रोजेक्टों को मंजूरी दी थी वह अभी तक मुकम्मल नहीं हो सके। मिसाल के तौर पर 24.55 लाख की राशि से ड्रेन बनाने का काम शुरू ही नहीं हो सका। जबकि 7.23 लाख की राशि से गांव के रास्ते कंक्रीट से बनाए नहीं जा सके। हालांकि 19.08 लाख की राशि से बहकों को जाते रास्तों को ईटों से पक्का किया जा चुका है। इसी प्रकार मीयां नवाज शरीफ के पूर्वजों की समाध वाले श्मशानघाट की चारदीवारी को 8.45 लाख की राशि से दोबारा निर्माण का कार्य भी अभी अधूरा है। इसी प्रकार गांव में 4.35 लाख के निर्माण से बनाए जाने वाले आंगनबाड़ी सेंटर का काम भी अधूरा है। गांव जाति उमरा में 60.16 लाख की राशि से रूरल जल आपूर्ति से लोगों को जोड़ने की सुविधा भी मुकम्मल नहीं हो सकी। विभाग द्वारा भले पानी की टंकी तैयार कर ली गई है, लेकिन घरों तक आपूर्ति पहुंचने में अभी समय लगना बाकी है।

इस संबंध में गांव के सरपंच दिलबाग सिंह का कहना है कि गांव जाति उमरा के विकास के लिए वर्ष 2013 में सरकार द्वारा जो प्रोजेक्ट तैयार किए गए थे, उनको पूरा करवाने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत को अन्य गांवों की तरह अभी तक नई ग्रांट भी नहीं मिली है।

उधर, एडीसी (जनरल) बख्तावर सिंह का कहना है कि गांव जाति उमरा के विकास लिए सरकार के पास फंड की कमी नहीं है और रहते विकास कार्यो को मुकम्मल करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है।


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