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भूल जाएं की आपके शहर का विकास होगा, कर्मचारियों को वेतन देना होगा मुश्किल

सचिन धनजस, संगरूर : आप भूल जाएं की आपके शहर का विकास होगा। अगर सरकार ने कोई ग्रांट

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 06:18 PM (IST)
भूल जाएं की आपके शहर का विकास होगा, कर्मचारियों को वेतन देना होगा मुश्किल
भूल जाएं की आपके शहर का विकास होगा, कर्मचारियों को वेतन देना होगा मुश्किल

सचिन धनजस, संगरूर :

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आप भूल जाएं की आपके शहर का विकास होगा। अगर सरकार ने कोई ग्रांट दे भी दी तो गनीमत है, लेकिन अगर सरकार का रुख थोड़ा भी विपरीत रहा तो नगर कौंसिल अपने मुलाजिमों को वेतन तक देने में सक्षम दिखाई नहीं दे रही है। आंकड़ों की जादूगर नगर कौंसिल ने अगले वर्ष की आमदन का टार्गेट तो 31 करोड़ 20 लाख रखकर जनता को खुश करने का काम किया है, लेकिन हकीकत में नगर कौंसिल अपने पिछले टार्गेट 28 करोड़ 35 लाख के विपरीत सिर्फ 12 करोड़ 75 लाख 42 हजार की ही आमदन कर पाई है। अगर कौंसिल की आमदन को अगले वर्ष के लिए 10 नहीं, 20 नहीं, 30 प्रतिशत भी बढ़ा दिया जाए, तो भी आमदन 16 करोड़ 58 लाख 46 हजार बनती है, जबकि मुलाजिमों के खर्चे 17 करोड़ 36 लाख होने तय है। यानी मुलाजिमों का ही 77 लाख के करीब नगर कौंसिल पिछड़ रही है। इसके अलावा अन्य बिल व जरूर खर्चे नगर कौंसिल कैसे करेगी, यह देखने वाला होगा।

अपने पीएफ की किस्त को लेकर समय-समय पर जाम लगाने वाले सफाई सेवकों को इस बार फिर नगर कौंसिल से सिर्फ आश्वासन ही मिलने वाले हैं, क्योंकि फंडों के अभाव से जूझ रही नगर कौंसिल को सही मायने में कहीं से भी आमदन के स्रोत दिखाई नहीं दे रहे हैं। नगर कौंसिल ना ना करके भी 19 करोड़ 84 लाख 28 हजार के खर्चे टाल नहीं सकती, जबकि आमदन ज्यादा से ज्यादा 17 करोड़ ही कर सकती है। ऐसे में साफ है कि एक भी ईंट लगाने में असमर्थ नगर कौंसिल विकास के लिए अगर सरकार से कोई फंड भी आया तो नगर कौंसिल को पहले अपने जरूरी खर्चे पूरे करने की जिम्मेवारी होगी।

अगर नगर कौंसिल के खर्चों की ही बात की जाए, तो नगर कौंसिल को मुलाजिमों पर 17 करोड़ 36 लाख, कंटनजेंसी खर्चों पर 1 करोड़ 9 लाख, जरूरी खर्चे 7 करोड़ 23 लाख खर्च करती है, तो नगर कौंसिल 25 करोड़ 68 लाख खर्च करेगी। यानी बिना कोई विकास कार्य करवाए ही नगर कौंसिल मौजूदा आमदन से 50 प्रतिशत से भी पिछे रह जाएगी।

बहरहाल, कागजों में 5 करोड़ 50 लाख के विकास करवाने का दावा करने वाली नगर कौंसिल ने जमीनी हकीकत की तरफ ध्यान न दिया तो आगामी दिनों में शहर का बुरा होना लगभग तय है। मांगों को लेकर मुलाजिम सड़क पर होंगे और विकास को लेकर त्राहि-त्राहि कर रही जनता भी नगर कौंसिल के खिलाफ सड़कों पर उतरकर मोर्चा खोल देगी।


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