अपहरणकर्ताओं ने की खरीदारी, पुलिस ने दुकानदारों से वापस लिए रुपये
सचिन धनजस, संगरूर अकसर ऐसा नहीं होता कि वारदात का मामला सुलझा कर अपराधी को पकड़ने के बाद सब कुछ
सचिन धनजस, संगरूर
अकसर ऐसा नहीं होता कि वारदात का मामला सुलझा कर अपराधी को पकड़ने के बाद सब कुछ ठीक हो गया है। पुलिस ने आढ़ती कपिल देव के अपहरणकर्ताओं को तो गिरफ्तार कर लिया और उनसे फिरौती की रकम भी वसूल ली, लेकिन वसूली गई रकम ने कई दुकानदारों को घाटे में डाल दिया है। अब उन दुकानदारों का क्या कसूर जिनसे आरोपियों ने सामान खरीदकर फिरौती के रुपयों से भुगतान किया था। उन्हें क्या पता था कि उनके हाथ में आने वाले रुपये अपराध के पैसे हैं। वे बेवजह घाटे का शिकार हो गए। पुलिस ने रिकवरी के चक्कर में दुकानदारों से पैसे वापस ले लिए। पुलिसिया खौफ के मारे दुकानदार जुबान बंद कर बैठे हैं, लेकिन रोजमर्रा की ¨जदगी जीने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले दुकानदारों के मन की टीस सहज ही सुनी जा सकती है।
गौर हो कि संगरूर पुलिस ने दिड़बा के आढ़ती कपिलदेव के अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों से 15 लाख रुपये बरामद भी करवा लिए गए, लेकिन अगर चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस द्वारा करवाई गई बरामदगी कई दुकानदारों पर भारी पड़ गई। गिरफ्तार आरोपियों ने फिरौती की रकम से जमकर खरीददारी की थी। खरीददारी व उधारी चुकाने के बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए और पुलिस हिरासत में अपने खर्चे संबंधी पूरी जानकारी पुलिस को बता दी। चर्चा है कि पुलिस ने रिकवरी के लिए दुकानदारों से पैसे वापस लौटाए। भला अब कोई बताए कि दुकानदारों का क्या कसूर, जिन्होंने पैसे लेकर सामान बेचा था। उन्हें क्या मालूम था कि उन्हें मिलने वाले पैसे अपराध के हैं। हालात ऐसे हैं कि अपराधी का साथ देने के केस में फंसने के डर से कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
उधर, पूरे मामले में एसएसपी मनदीप ¨सह सिद्धू ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। अपराधी पकड़े गए, यह बड़ी कामयाबी है।