विश्वसनीय नहीं दिखता कोई नेता
संगरूर : विश्वास..। विश्वास बहुत बड़ी चीज है, क्योंकि हर वोटर एक पार्टी या उम्मीदवार के प्रति विश्वास रखकर ही उसे वोट देता है, लेकिन अब यह विश्वासघात में बदल चुका है। मैं जब युवा अवस्था में था, तो गांव में चुनाव प्रचार के लिए आने वाले उम्मीदवारों के दावों व वादों में एक विश्वास दिखाई देता था, जिसे देखकर ही मैंने पहली बार वोट का इस्तेमाल किया था। मगर, आज की राजनीति में विश्वास की कोई जगह नहीं है। कोई भी उम्मीदवार या पार्टी हो, उसका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि चुनाव प्रचार के जरिये वोटर से वोट बटौर ली जाए। आज भी वोटर उम्मीदवार पर यह विश्वास करके उसे वोट देते हैं कि वह उनकी समस्याओं को हल करने, इलाके में कोई बेहतर प्रोजेक्ट लाने, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने या इलाके में विकास करेगा। मगर, चुनाव जीतने के बाद उम्मीदवार के तेवर ही बदल जाते हैं। जिस कारण वोटर खुद को ठगा हुआ सा महसूस करते हैं। मेरा तो वोट डालने से मन भर चुका है। वर्तमान हालात को देखते हुए मैं किसी पार्टी या उम्मीदवार को अपना वोट देने के प्रति उत्साहित नहीं हूं।
-करतार सिंह (85 वर्ष), गांव उभावाल।