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नहीं मिल रही गंदगी डंप करने के लिए जगह

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर शहर के सॉलिड वेस्ट को ठिकाने लगाने का प्रस्ताव 30 मई को खत्म होने

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 03:01 AM (IST)
नहीं मिल रही गंदगी डंप करने के लिए जगह
नहीं मिल रही गंदगी डंप करने के लिए जगह

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर

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शहर के सॉलिड वेस्ट को ठिकाने लगाने का प्रस्ताव 30 मई को खत्म होने के बाद अब जून में गंदगी के ढेर लगने शुरू हो गए हैं। पालिका के सफाई कर्मचारी उस कूड़े को ठिकाने लगाने में कामयाब नहीं हो पा रहे। हालात ये हैं कि पालिका के सफाई कर्मचारी दिन में कूड़े की ट्रालियां भरकर पालिका के दफ्तर के बाहर खड़ी करने को मजबूर हो गए हैं। वहीं, पालिका प्रबंधन अब नई जगह सॉलिड वेस्ट डं¨पग के लिए ढूंढ रही है। मगर डं¨पग के लिए जगह ढूंढने के मामले में देरी को पालिका में विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस पार्षद अशोक वाही ने पालिका प्रधान की नाकामी करार दिया है।

शहर में रोजाना 25 से 30 ट्रालियां गंदगी निकलती है। पिछले तीन दिनों से कूड़ा रौंता भैणी की जमीन जहां पहले डं¨पग का एग्रीमेंट था, वहां पंचायत ने फेंकने नहीं दिया। चूंकि एग्रीमेंट 30 मई को ही खत्म हो चुका है। वहीं, नगर पालिका के सफाई कर्मचारी पिछले दो दिन से शहर के मेन बाजार में से कूड़ा उठा रहे हैं।

30 मई को हुई थी हाउस की बैठक

पालिका प्रबंधन ने 30 मई की दोपहर तीन बजे हाउस की विशेष बैठक बुलाकर कूड़ा कर्कट डंप करने के लिए नई जगह ढूंढते हुए बहरामपुर जमींदारी की लेने संबंधी प्रस्ताव बहुसम्मति से पारित किया था। तब पंचायत ने 70 हजार रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ की डिमांड की थी। लेकिन हाउस ने 50 हजार रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ देने का प्रस्ताव पारित किया था। बाद में पंचायत ने जमीन देने से मना कर दिया। तब कांग्रेस पार्षदों अशोक वाही तथा पोमी सोनी ने कहा था कि डं¨पग के लिए बंजर जमीनें सस्ते दाम पर ली जा सकती हैं, लेकिन पालिका महंगी जगह ले रही है। पंचायत के मना करने के बाद पालिका ने डेकवाला की पंचायत से प्रस्ताव पारित करवाया था, लेकिन इस पंचायत ने भी बाद में मना कर दिया। अब तीसरी बार प्रयास किया जा रहा है।

प्रधान की जी हजूरी महंगी पड़ी शहर को : वाही

नगरपालिका के पूर्व प्रधान एवं कांग्रेस पार्षद अशोक वाही ने कहा कि पालिका प्रधान की नालायकी कहें या सरकार की चापलूसी। पालिका के पास अपनी जमीन थी, उसे तो बिना किसी एवज में सरकार को नशा मुक्ति केंद्र बनाने के लिए पालिका ने फटाफट दे दिया। इस जमीन को अगर देना ही था तो इसकी एवज में सरकारी कीमत ली जाती या फिर इस जमीन को डंप के रूप में इस्तेमाल किया जाता चूंकि ये पालिका की अपनी जमीन थी। प्रधान की सरकार के प्रति जी हजूरी शहर को अब महंगी पड़ रही है।

तीसरा प्रयास किया जा रहा है: माक्कड़

नगर पालिका के प्रधान परमजीत ¨सह माक्कड़ ने कहा कि बहरामपुर जमींदारी की पंचायत ने पहले प्रस्ताव पारित करके डंप के लिए जगह देने की कार्रवाई की थी। इसे हाउस में भी पास कर दिया गया था, लेकिन गांव वालों ने दबाव डालकर पंचायत से जमीन देने से मना करवा दिया है। इसके बाद डेकवाला में भी पंचायत ने प्रस्ताव डालकर जमीन देने की कार्रवाई की थी। पर वहां भी लोगों के विरोध के कारण डंप संभव नहीं हो पाया है। अब नगर पालिका तीसरी बार कहीं जगह ढूंढ रही है।

एक दो दिन में ढूंढ लेंगे जगह: ईओ अग्रवाल

नगर पालिका के कार्यसाधक अधिकारी भूषण कुमार अग्रवाल ने कहा कि आगामी एक दो दिन में डंप के लिए जगह फाइनल कर ली जाएगी। लगातार पालिका इसके लिए सरगर्म है। जो मेरे ज्वाइन करने से पहले जगह फाइनल हुई थी, वहां पंचायत ने जगह देने से मना कर दिया है।


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