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अब मकान बनाना पड़ेगा महंगा, बढ़ेंगी रेत की कीमतें

बीते साल 12 खड्डों को करीब 1 करोड़ रुपये में बोली लगी थी। लेकिन इस साल बोलीदाताओं ने उन्हीं खड्डों की बोली करीब 2.50 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 02:04 PM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 02:04 PM (IST)
अब मकान बनाना पड़ेगा महंगा, बढ़ेंगी रेत की कीमतें
अब मकान बनाना पड़ेगा महंगा, बढ़ेंगी रेत की कीमतें

जेएनएन, नवांशहर। जिले में 12 खड्डों के रेत की बोली सरकार द्वारा करवाई गई। इस दौरान पिछले सालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। बीते साल 12 खड्डों को करीब 1 करोड़ रुपये में बोली लगी थी। लेकिन इस साल बोलीदाताओं ने उन्हीं खड्डों की बोली करीब 2.50 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी है। जिससे आने वाले समय में न केवल रेत की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, वहीं इसका असर कंस्ट्रक्शन वर्क पर भी पड़ेगा।

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इमारत निर्माण से संबंधित व्यवसाय से जुड़े लोगों पर इसका असर पड़ेगा। रेत की कीमतों में आने वाले उछाल से अधिक असर निर्माण मजदूरों व निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों पर पड़ेगा। यही नहीं, यह खबर उन लोगों पर भी असर करेगी जो लोग इस साल अपना नया मकान बनाने की सोच रहे हैं। कुल मिलाकर रेत की कीमतों में अगर उछाल आता है, तो इसका असर पूरी भवन निर्माण इंडस्ट्री पर पड़ने की आशंका है।

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जिले में रेत के लिए 12 खड्डें तय की

जिले में रेत के लिए सरकार की ओर से 12 खड़्डें तय की हैं, जिनमें मलिक पुर, महद्दीपुर, मंढाला, बहिलूर खुर्द, सैदपुर खुर्द, कनौण, बैरसाल, लालेवाल, खोजा, बेगोवाल, बरामद रैल के अलावा एडीबी परागपुर खड्डें शामिल हैं। उक्त खड्डों की बोली सरकार द्वारा 20 मई को करवाई गई है। जिनके लिए 3 मई को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। विभाग से जानकारी मिली है कि उक्त खड्डों के बोली दाताओं की ओर से पिछले साल के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जिले की 12 खड्डें औसतन 10 लाख से लेकर 35 लाख तक की कीमत तक साल के लिए बिकीं थीं, अब इनको खरीदने के लिए करोड़ों रुपये तक की बोली लगाई गई है।

बरामद रैल की खड्ड की रेत होगी सबसे महंगी

विभाग के अनुसार जिले की सबसे महंगी रेत की खड्ड बरामद रैल की रही है, जिसकी बोली करीब 51 करोड़ रुपये दी गई है। जबकि मलकपुर की खड्ड 40 करोड़ रुपये, लोलेवाल की खड्ड की बोली 30 करोड, महद्दी पुर की खड्ड की बोली 9.21 करोड़ रुपये, मंढाला की खड्ड 13.11 करोड़ रुपये, बहलूर खुर्द की खड्ड 23.41 करोड़ रुपये, सैदपुर की खड्ड 26 करोड़ रुपये की बोली दी गई है, जबकि इसके अलावा अन्य खड्डों की बोली भी लाखों व करोड़ों में ही दर्ज की गई है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दी गई बोलियों के संबंध में कीमत में कुछ वेरिएशन होने की संभावना है। मगर 12 की 12 खड्डें करीब 250 करोड़ में नीलाम हुई हैं।

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2.51 करोड़ रुपये में नीलाम हुई खड्डे

माइनिंग विभाग के जीएम गुरदेव सिंह माहिल का कहना है कि जिले की 12 खड्डें जो पिछले साल करीब सवा एक करोड़ में नीलाम हुई थीं, अब वही खड्डें करीब 2.51 करोड़ रुपये में नीलाम हुई हैं। जिससे कीमतें में चढ़ाव आने की संभावना बन गई है। विभाग द्वारा जो जानकारी दी गई है, उनके आधार पर संबंधित बोली दाताओं को बनती फीस तय नियमों के अनुसार जमा करवाने के लिए कहा जाएगा। हालांकि जहां तक रेत की कीमतों का सवाल है उसके लिए अभी फिलहाल यही कहा जा सकता है कि रेत की खड्डों की बोली के अनुसार कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। मगर कीमतें सरकार की इस संबंधी पॉलिसी पर निर्भर करती हैं।


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