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आनंद से सराबोर हुई गुरु की पावन धरती

दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की साक्षी पावन धरती श्री आनंदपुर साहिब बुधवार को आनंद से सराबोर हो गई। भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का अथाह समुंदर श्री आनंदपुर साहिब के 350वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुघर के दर्शनों के लिए उमड़

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2015 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2015 09:27 PM (IST)

अशोक नीर, श्री आनंदपुर साहिब (रोपड़) : दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की साक्षी पावन धरती श्री आनंदपुर साहिब बुधवार को आनंद से सराबोर हो गई। भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का अथाह समुंदर श्री आनंदपुर साहिब के 350वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुघर के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा। गुरु घर के दर्शनों के लिए दूरदराज से श्रद्धालु नंगे पांव सतनाम वाहेगुरु का जाप कर पहुंच रहे थे।

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चिलचिलाती धूप में श्रद्धालुओं का अथाह समुंदर उमड़ा
महिलाएं केसरी व खालसाई रंग के दुपट्टे ओढ़े थीं। पुरुष परंपरागत केसरी व नीली रंग की दस्तारों व निहंग सिंह बाणे में परंपरागत हथियारों के साथ गुरुघर में हाजिरी लगा रहे थे। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के चप्पे चप्पे पर सादी वर्दी में पुरुष व महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा में जुटे हुए थे। सूरज की तपन बढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं का समुंदर भी तख्त श्री केसगढ़ साहिब में बढ़ता गया।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने पांच बार 'मूल मंत्र' का पाठ कर 'पांच प्यारे पार्क' में स्थापित किए गए 80 फुट ऊंचे शक्ति के प्रतीक 'खंडा साहिब' लोगों को समर्पित किया। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी मल्ल सिंह, सिख संप्रदायों के मुखिया व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व अन्य नेताओं ने उद्घाटन की रस्म पूरी की।

सैकड़ों सिखों ने शूरवीरता के प्रतीक गतके के जौहर दिखाए। पांच सिखों ने नगाड़े के साथ नरसिंही की धुन से पूरे वातावरण को खालसाई रंग में रंग दिया। निहंग सिंहों ने परंपरागत बाणे व हथियारों के साथ घुड़सवारी कर खंडे की सदियों पुरानी महानता की झलक दिखाई। स्थापित किए गए श्री ख्ांडा साहिब के पास बनाए गए सरोवर से उठ रहे ऊंचे फव्वारे उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को खुशनुमा अहसास दे रहे थे।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल काफिले के साथ जब तख्त श्री केसगढ़ साहिब पहुंचे। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी मल्ल सिंह ने उन्हें मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की हजूरी में सिरोपा की बख्शीश प्रदान की।


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