युवाओं के लिए मिसाल बनी दिव्या शर्मा को मिला राष्ट्रीय अवार्ड
सुभाष शर्मा, नंगल दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपने दृढ़ निश्चय, बुलंद हौसले, जज्बे व कड़ी मेहनत से न
सुभाष शर्मा, नंगल
दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपने दृढ़ निश्चय, बुलंद हौसले, जज्बे व कड़ी मेहनत से नंगल की दिव्या शर्मा को बेहतर कार्यो के लिए प्रोत्साहन स्वरूप गत 14 अगस्त 2016 को केंद्रीय राज्य मंत्री (सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण) केपी गुर्जर ने नई दिल्ली में एनसीपीईडीपी एमफेसिस यूनिवर्सल डिजाइन अवार्ड 2016 से सम्मानित किया है। यह अवार्ड उन्हें सुलभ व समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए उनके अनुकरणीय कार्य के लिए और इस प्रकार विकलांग व्यक्तियों के लिए समानता व सम्मान का जीवन सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए दिया गया है। इस प्रसंग में एनएफएल नंगल इकाई ने भी दिव्या को 22 अगस्त को सम्मानित किया है।
नया नंगल निवासी 23 वर्षीय दिव्या की तीन वर्ष की आयु में ही ग्लूकोमा की बीमारी के कारण आंखों की रोशनी मात्र 20 प्रतिशत ही रह गई। रोशनी लगभग चली जाने के कारण उन्हें 7वीं कक्षा के उपरांत स्कूल से निकाल दिया गया, पर उसने हार नहीं मानी। अपनी मेहनत व कुछ कर गुजरने की चाह में एमए इंग्लिश तक की पढ़ाई उन्होंने पत्राचार के माध्यम से पूरी की। दिव्या अपनी आंखों से किताबें नहीं पढ़ सकती, पर प्रौद्योगिकी के प्रयोग से वह टॉकिंग साफ्टवेयर की सहायता से पढ़ने व लिखने का काम करती है। दिव्या मोटीवेशनल स्पीकर हैं। उन्होंने 1 से 3 दिसंबर 2015 को नई दिल्ली में दिव्यांगों के लिए हुए प्रथम अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर भाग लिया। अक्षम व्यक्तियों की प्रेरणा के लिए दिव्या के लिखे लेख नियमित तौर पर आइकेयर इनफो डॉट इन व करौस दा हरडलस जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। दिव्या घर से लैपटॉप पर कंटेंट राइटिंग का काम करती हैं और खाली समय में देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कई दृष्टिबाधित व्यक्तियों को ऑनलाइन इंग्लिश ट्रेनिंग देती हैं। दिव्या गिटार व संगीत में भी रुचि रखती हैं। हैरानी की बात है कि उन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद भी कराटे में येलो बैल्ट हासिल कर ली है और उनका लक्ष्य ब्लैक बैल्ट प्राप्त करने का है।
मेहनत से दिव्या ने चला दिया है 'रेडियो उड़ान'
नया नंगल निवासी अरूण शर्मा व सुषमा शर्मा की बेटी दिव्या की मेहनत का ही परिणाम कहा जा सकता है कि दिव्या ने लेपटॉप के सहारे आनलाइन 'रेडियो उड़ान' को अपने कुछ वैब मित्रों के साथ मिल कर फरवरी 2014 में शुरू किया और ये मित्र भी उनकी तरह दृष्टिबाधित हैं। इस ऑनलाइन रेडियो पर एक रेडियो जॉकी की भूमिका निभाते हुए वह कुछ प्रेरणादायक कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। रेडियो उड़ान के पूरे विश्व में 50 हजार से अधिक श्रोता हैं। इस रेडियो का खर्च दृष्टिबाधित युवा स्वयं उठाते हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट रेडियो उड़ान डॉट कॉम पर यह रेडियो स्टेशन सुना जा सकता है।