सावधान, ड्रेगन डोर घातक है
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब बेशक ड्रेगन डोर की बिक्री पर पाबंदी है, लेकिन बाजारों में धड़ल्ल
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब
बेशक ड्रेगन डोर की बिक्री पर पाबंदी है, लेकिन बाजारों में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इस डोर के कारण आए दिन अखबारों में किसी न किसी के कटने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। प्रशासन को इसकी ओर ध्यान देते हुए सख्ती बरतनी चाहिए। बसंत के दिनों में पुलिस कुछ छापेमारी करती है। लेकिन डोर फिर भी बाजारों में बिकती रहती है।
मनीश कुमार ने कहा कि पंजाब में लोग पैसे कमाने के लालच में ड्रेगन डोर की बिक्री कर रहे हैं। इस कारण आए दिन कोई न कोई घायल हो रहा है। ड्रेगन डोर की बिक्री पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाते हुए बेचने वाले लोगों पर सख्ती से पहले उन फैक्ट्रियों को ही बंद करना चाहिए। जहां से यह डोर बन कर बाजारों में आती हैं। इस बारे में भगवंत ¨सह का कहना है कि बसंत पंचमी के दिनों में पतंगबाजी के शौकीन नौजवान एवं बच्चे पतंगबाजी करते हैं। ये शौक उस समय महंगा साबित होता है, जब डोर से अपने हाथ जख्मी कर लेते हैं। जब नौजवान एवं बच्चे पतंग उड़ाते हुए पेच लगाते हैं तो पतंग कटने के बाद बच्चे पतंग उठाने के लिए जाते हैं एवं बुरी तरह घायल हो जाते हैं एवं कई अपने अंगों से भी वंचित हो गए हैं। इसलिए प्रशासन को सख्ती बरतते हुए दुकानों पर छापेमारी कर डोर बेचने वालों को सजा देनी चाहिए। लक्की कपिला ने कहा कि जब नौजवान एवं बच्चे पतंगबाजी करते हैं तो इस डोर के साथ सड़कों पर जाते हुए राहगीरों को बुरी तरह घायल कर जाते हैं एवं इस कारण कई लोग अपनी जानें भी गंवा चुके हैं। इसलिए हमें ड्रेगन डोर के खिलाफ सेमिनारों के माध्यम से इसे इस्तमाल न करने संबंधी जागरूकता फैलानी चाहिए। स्कूलों में बच्चों को ड्रेगन डोर के खिलाफ समय-समय पर जागरूक करना चाहिए। बलराम पराशर ने कहा कि ड्रेगन डोर से मनुष्य तो जख्मी हो ही रहे हैं। वहीं, बेजुबान जानवर भी घायल हो चुके हैं। आसमान में पतंगबाजी के कारण बेशुमार पंछी अपनी जानें गंवा देती हैं। इसलिए पुलिस को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए।