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नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड में इस बार आए चार हजार प्रवासी पक्षी

सुभाष शर्मा, नंगल दूर देशों में बर्फबारी के चलते हर वर्ष भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों की नंग

By Edited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 07:13 PM (IST)
नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड में इस बार आए चार हजार प्रवासी पक्षी

सुभाष शर्मा, नंगल

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दूर देशों में बर्फबारी के चलते हर वर्ष भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों की नंगल में संख्या पता लगाने के लिए आज विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रूप में नंगल डैम की राष्ट्रीय वेटलैंड व इससे सटे जलाश्यों में पहुंचे प्रवासी पक्षियों की गणना की गई। गणना के बाद यह पाया गया है कि इस बार नंगल की वादियों में 4000 प्रवासी पहुंचे हुए हैं, जबकि पिछले 9159 पक्षी वादियों में आए थे। पक्षियों की गणना के लिए यहां आए डीएफओ वाईल्ड लाईफ, चंडीगढ़ की एवीएन हेवीटेट सोसायटी, चंडीगढ़ वर्ड क्लब, जागृति संस्था तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रतिनिधियों ने वादियों के विभिन्न जगहों नंगल डैम झील, सतलुज पार्क के निकट, एनएफएल के ऐश पोंड, बरारी गांव के निकट सतलुज दरिया आदि स्थानों पर बड़ी-बड़ी दूरबीनों से पक्षियों की गणना की। गणना में शामिल डीएफओ देव राम शर्मा, नरवीर काहलों, नवजीत सिंह, गीतांजलि कंवर ने बताया कि इस बार नंगल में प्रवासी पक्षियों की संख्या गत वर्ष की तुलना में आधी है। उन्होंने बताया कि की गई गणना में 15 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी झील में मिले हैं जिनमें से सबसे अधिक संख्या रेड क्रस्टड पोचर्ड की है। उन्होंने बताया कि कूटस प्रजाति के 1092, कामन पोचर्ड 540 तथा गैडवाल की संख्या 310 पाई गई है। इस मौके पर पक्षियों की गणना में शामिल सतवीर सिंह, डा. जीएस चट्ठा, एचएस हुंदल, वाईल्ड लाइफ विभाग के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, गार्ड सर्वजीत सिंह, मेरू बडियाल, संगीता सहगल आदि भी उपस्थित थे।

बर्फीले इलाकों से यहां आते हैं प्रवासी पक्षी

नंगल डैम झील व इससे सटी वादियों में हर वर्ष भारत के बर्फीले इलाकों के अलावा श्रीलंका, वर्मा, साईबेरिया, चाईना, रशिया, अफगानिस्तान, मंगोलिया, तिब्बत आदि से अनुकूल वातावरण के मद्देनजर गर्मियां शुरू होने तक यहां प्रवास करते हैं। यह पक्षी पंजाब की वेटलैंडों रोपड़, कांजली, गुरदासपुर के शालापतन में आकर अपने दिनों को सुखद वातावरण में बिताते हैं। ये पक्षी ठंड के दिनों में यहां करीब 4 महीने तक प्रवास के बाद वापस अपने वतन लौट जाते हैं।

कौन-कौन से पक्षी आते हैं यहां

अनुकूल वातावरण के कारण दूर देशों से यहां वादियों में आने वाले पक्षियों पिनटेल, पौचर्ड, कामन पौचर्ड, वीजन, गेडवाल, कामनकूट, ग्रेलेग गूज, समाल कारमोरेंट, ब्लैक विगड स्टीलट, रुडी शैल्डक, वार हैडेडगीज, स्पोट विंगड डक, ग्रेट इग्रेट, ग्रेहीरोन प्रजाति, रेड ग्रेसटिड पौचहर्ड, गैडवाल, मैलार्ड, नार्दन शिवलेर, ग्रलेगगूज, पेनटेल डक आदि शामिल हैं जो यहां गर्मियां शुरू होने तक प्रवास करते हैं।


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