बहन स्वर्ण कौर को रंज, मेरे भाई की पार्टी क्षेत्रीय बनकर ही रह गई
09आरपीआर-20 अजय अग्निहोत्री, रूपनगर बसपा के संस्थापक बाबू कांशीराम की छोटी बहन स्वर्ण कौर को आज
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अजय अग्निहोत्री, रूपनगर
बसपा के संस्थापक बाबू कांशीराम की छोटी बहन स्वर्ण कौर को आज भी रंज है कि उसके भाई ने जिस सोच के साथ नेशनल स्तर पर बसपा को जीवंत किया था, वह पार्टी आज क्षेत्रीय पार्टी ही बनकर रह गई है। बाबू कांशीराम की नौवीं पुण्यतिथि के मौके स्वर्ण कौर कहती हैं कि उसके भाई की सोच कहीं खो गई है। वह चाहती हैं कि उनके भाई का मिशन आगे बढ़ना चाहिए। दलित समाज को स्वाभिमान, इज्जत तथा अपने रहबरों की सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। स्वर्ण कौर जोकि बाबू कांशीराम की याद में बाबू कांशीराम फाउंडेशन बतौर चेयरपर्सन चला रही हैं, ने कहा कि एक लाल हैं जो आज भी उस सोच के लिए कुछ भी करने को आतुर हैं लेकिन कई दलाल हुए जिन्होंने बसपा के नाम पर पैसे बटोरने शुरू कर दिए। मायावती को भी पैसे इकट्ठे करने के बाद वह दलित वर्ग दिखना बंद हो गया, जिसने बसपा को खड़ा किया था। बस फिर क्या था, बसपा धीरे-धीरे पीछे चली गई। उन्होंने कहा कि जब बाबू कांशीराम को अस्पताल में दाखिल करवाने की तीसरे दिन मायावती खुद पार्टी की प्रधान बन गई थीं, क्या ये तब इतना जरूरी था। इस मौके र¨वदर ¨सह बूंगा, लखबीर ¨सह ख्वासपुरा, कुल¨जदर ¨सह हैपी ख्वासपुरा मौजूद थे।