शौकीन गटक गए पचास हजार से अधिक देशी शराब की बोतल
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर खत्म हो रहे वित्त वर्ष में जिले में लालपरी के शौकीन पिछले वित्त वर्ष 2013-
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर
खत्म हो रहे वित्त वर्ष में जिले में लालपरी के शौकीन पिछले वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले ज्यादा पेग लगा चुके हैं। जी हां, साल 2014-15 में जिले में शराब की खपत पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है। हालांकि इस दौरान अंग्रेजी शराब की खपत मात्र हजारों में बढ़ी है। जबकि देसी शराब की खपत पिछले साल की अपेक्षा पचास हजार बोतल का आंकड़ा पार कर गई है।
दैनिक जागरण द्वारा जुटाई जानकारी के मुताबिक अंग्रेजी शराब की खपत पिछले साल के मुकाबले इस साल 3273 बोतल बढ़ी है, जबकि देसी शराब की खपत अंग्रेजी शराब से भी ज्यादा 52104 बोतल बढ़ी है।
दो सालों का शराब बिक्री का ब्यौरा
शराब साल 2013-14 2014-15
देसी 5,51,896 (पेटी) 6,05000 (पेटी)
अंग्रेजी 1,67,000 (पेटी) 1,63,727 (पेटी)
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85 हजार बोतल बीयर से किया गला तर
वित्त साल 2014-15 में पहली बार बीयर का कोटा तय किया गया है। जबकि इससे पहले बीयर का कोटा कभी तय नहीं किया जाता था। तय किए गए कोटे के मुताबिक जिले में 85 हजार बीयर की बोतलें बिकी हैं। जोकि छह लाख इकसठ हजार नौ सौ उन्नीस लीटर बनता है।
जिले में इस बार कम हुए ठेके
जिले में 2014-15 में कुल दो सौ तेईस ठेके थे। जिनमें देसी शराब के एक सौ पैंतीस तथा अंग्रेजी शराब के अठ्ठासी ठेके शामिल थे, लेकिन जिले के थाना नंगल में पड़ते गांव ¨पगवड़ी में ठेके का लोगों द्वारा विरोध करने तथा ग्राम पंचायत द्वारा ठेका न खोलने का प्रस्ताव डालने के बाद यहां के अंग्रेजी तथा देसी शराब के ठेके उठा दिए गए हैं। साल 2015-16 के लिए दो सौ इक्कीस ठेकों के लिए ड्रॉ होगा। इनमें देसी शराब के एक सौ चौंतीस तथा अंग्रेजी शराब के सत्तासी ठेके शामिल हैं।