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पुलिस ने भाजीं लाठियां

संवाद सहयोगी, रूपनगर एसएसए व रमसा अध्यापक यूनियन की ओर से रूपनगर में मांगों को लेकर किए गए राज्य स

By Edited By: Published: Mon, 02 Feb 2015 01:06 AM (IST)Updated: Mon, 02 Feb 2015 04:44 AM (IST)
पुलिस ने भाजीं लाठियां

संवाद सहयोगी, रूपनगर

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एसएसए व रमसा अध्यापक यूनियन की ओर से रूपनगर में मांगों को लेकर किए गए राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। शहीद भगत सिंह चौक में रोष मार्च करते हुए पहुंचे टीचरों को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो एक बार अध्यापक पुलिस पर भारी पड़ गए। अध्यापकों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। महिला अध्यापकों को काबू करने के लिए महिला पुलिस ने उन्हें बालों से पकड़कर गाड़ी में धकेला। लाठीचाीर्ज के दौरान अध्यापकों ने इधर-उधर भागकर खुद को बचाया। यह वाक्या रविवार दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे का है। मौके पर बतौैर मजिस्ट्रे्ट तहसीलदार रूपनगर आरएस बल्ल मौजूद थे।

विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत शिक्षा विभाग में पिछले कई सालों से काम करते आ रहे राज्य भर के अध्यापकों ने स्थाई होने की मांग को लेकर अपने परिवारों सहित रूपनगर आकर रोष रैली की। बेला चौक में जब इन शिक्षकों पर लाठीचार्ज हुआ तो उस वक्त महिला अध्यापकों ने अपने छोटे-छोटे बच्चों को पुलिस के डंडों से बचाने के लिए नजदीकी दुकानों में तथा कुछ ने घरों में छिप कर बचाया।

उल्लेखनीय है कि सर्व शिक्षा अभियान तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत शिक्षा विभाग के तहत पिछले कई सालों से अस्थाई रूप से काम कर रहे राज्य भर के इन अध्यापकों की यूनियन द्वारा आज अपनी मांगों को लेकर रूपनगर के महाराजा रणजीत ¨सह बा़ग में राज्य स्तरीय रोष रैली रखी गई थी। इस धरने दौरान जब समूह अध्यापक शहर में रोष रैली निकालने के लिए पार्क से बाहर जाने लगे तो पहले से तैयार खड़ी पुलिस ने घेराबंदी करते हुए अध्यापकों को बाहर निकलने से रोक दिया तथा इसको लेकर काफी बहस भी हुई। इस पर गुस्से में आए अध्यापकों ने पार्क में ही नारेबा•ाी शुरू कर दी। माहौल को तनाव पूर्ण होता देख पुलिस को अध्यापकों के गुस्सा आगे झुकना पड़ा जबकि मौके पर खड़े एसपी (डी) हरमीत ¨सह हुंदल ने यूनियन के नेताओं के साथ बातचीत की तथा शांति पूर्वक शहर में रैली करने की अपने स्तर पर द़फा 144 के बावजूद रोष रैली निकालने की इजा•ात दे दी। लेकिन साथ यह भी कहा कि रैली केवल बेला चौक तक ही निकालनी होगी। इसके बाद जब अध्यापक बेला चौक पहुंचे तो वहां सड़क पर धरना लगाकर बैठ गए। अध्यापकों ने पुलिस अफसरों के आगे मांग रखी कि वह शिक्षा मंत्री डाक्टर दलजीत ¨सह चीमा या मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल के साथ बातचीत के लिए मी¨टग फिक्स करवाएं। लेकिन पुलिस ने इस मांग को मानने से इनकार करते हुए अध्यापकों को सड़क से उठने तथा वापिस लौट जाने के लिए कहा। अध्यापक नहीं माने तथा उन्होंने उटते हुए रैली को आगे बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी। देखते ही देखते पुलिस तथा शिक्षकों में धक्का मुक्की शुरू हो गई। शिक्षकों के न मानने पर तथा लगातार आगे बढ़ने की कोशिश के चलते पुलिस ने अध्यापकों को तीतर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज शुरू कर दिया। इस मौके कई अध्यापक तो मौके से भागने में रहे जबकि लगभग 10-12 अध्यापकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया जिनमें महिला अध्यापक भी शामिल हैं। अध्यापक यूनियन के पंजाब कनवीनर दाऊद आलम (जालंधर) ने ़फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने पहला उनको रोष रैली करने की इजा•ात दे दी थी जबकि बाद में बिना कारण उन पर लाठी चार्ज भी कर दिया तथा कई शिक्षकों को हिरासत में भी लिया गया है। लाठी चार्ज संबंधित जब एसपी (डी) हरमीत ¨सह हुन्दल के साथ बात की तो उन्होंने ने कहा कि अध्यापकों को महाराजा रणजीत ¨सह बा़ग से बेला चौक तक शांतमयी ढंग के साथ रोष रैली करने की इजा•ात दी थी। परंतु बेला चौक पहुंचने पर अध्यापकों ने और आगे जाने की •िाद की तथा पुलिस के साथ धक्का करने लग पड़े जिस कारण पुलिस को जवाबी कार्यवाही करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि द़फा 144 का उलंघन करने को लेकर अध्यापकों पर मामला दर्ज किया जा रहा है तथा अध्यापकों के लीडरों को पकड़ने के लिए पुलिस कार्यवाही चल रही है।


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