बैंक स्टाफ की समझदारी से ग्राहक के दो लाख बचे
जागरण टीम, घनौली, रूपनगर आप सावधान हो जाइए। अगर आपको मोबाइल पर किसी बैंक का खुद को नुमाइंदा बताकर
जागरण टीम, घनौली, रूपनगर
आप सावधान हो जाइए। अगर आपको मोबाइल पर किसी बैंक का खुद को नुमाइंदा बताकर कोई अकाउंट व एटीएम की निजी जानकारी मांगे तो मत दें। ऐसे ही घटनाक्रम में रूपनगर के गांव थली के स्टेट बैंक आफ पटियाला के खाताधारक को मोबाइल के जरिये खाते संबंधी जानकारी मांगने का मामला सामने आया। समय रहते बैंक स्टाफ की होशियारी ने बैंकधारक की जमापूंजी को बचा लिया। खाताधारक के अकाउंट में पौने दो लाख रुपये की मोटी रकम जमा थी।
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ट्रक चालक है स¨तदर ¨सह
खाता धारक स¨तदर ¨सह पुत्र काला ¨सह निवासी ¨सघपुरा ट्रक चालक है। गांव थली के स्टेट बैंक आफ पटियाला के ब्रांच मैनेजर राम ¨सह ने बताया कि बैंक में स¨तदर ¨सह का खाता है, जिसमें करीब पौने दो लाख रुपये की रकम जमा है। शाम को बैंक बंद होने के बाद जब स्टाफ अपने घरों को जा रहा था तो खजानची पंकज कुमार को स¨तदर ¨सह ने फोन करके पूछा कि उसके एटीएम कार्ड का कोड क्यों बदल दिया गया है।
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स्टाफ ने बैंक दोबारा खोलकर अकाउंट लाक करके बचाई रकम
स¨तदर ¨सह ने कहा कि बैंक का नुमाइंदा बताकर एक व्यक्ति ने उन्हें मोबाइल पर फोन किया। फोन करने वाले ने कहा कि नए साल के बाद एटीएम कार्ड के कोड तब्दील करके नए कोड जारी कर दिए गए हैं। पंकज कुमार को तुरंत समझ आ गई कि उपभोक्ता किसी नौसरबाज की ठगी का शिकार हो रहा है। खजानची ने उसे तुरंत बैंक पहुंचने के लिए कहा और खुद भी बैंक पहुंच गया। मैनेजर ने बताया कि उस समय वह रूपनगर नजदीक पहुंच चुके थे और खजानची अभी घनौली बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था। उन्होंने बताया कि दोनों ने वापस बैंक पहुंच कर खाताधारक का खाता लॉक करके उसे ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
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बैंक नहीं करता कभी फोन काल करके खाते या एटीएम के बारे में पड़ताल : मैनेजर
मैनेजर राम ¨सह और खजानची पंकज कुमार ने कहा कि स्टेट बैंक आफ पटियाला की किसी भी ब्रांच द्वारा या हेड आफिस द्वारा अपने उपभोक्ता से फोन काल के जरिए खाता नंबर या एटीएम कार्ड बारे पूछताछ नहीं की जाती। इसलिए मोबाइल या लैंडलाइन के द्वारा किसी को भी बैंक खाते या एटीएम कार्ड बारे जानकारी न दी जाए।
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मोबाइल नंबर 084577-28784 से आई थी कॉल
उपभोक्ता स¨तदर ¨सह ने बताया कि उसने मोबाइल नंबर 084577-28784 से आई कॉल को अपने एटीएम और पासवर्ड संबंधी सारी जानकारी दे दी थी। इस दौरान बैंक के खजानची का मोबाइल नंबर उसके पास होने के कारण संपर्क कर लिया एवं लूट का शिकार होने से बच गया। उसने दोनों अधिकारियों का धन्यवाद भी किया।