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रयात-बाहरा ग्रुप के छात्रों ने पाया 'खुशी देने का सुख'

जागरण संवाददाता, रूपनगर जॉय ऑफ गिविंग यानि खुशी देने का सुख, इस नई पहल के अंतर्गत रयात इंस्टीट्यूट

By Edited By: Published: Thu, 09 Oct 2014 02:15 AM (IST)Updated: Thu, 09 Oct 2014 02:15 AM (IST)
रयात-बाहरा ग्रुप के छात्रों ने पाया 'खुशी देने का सुख'

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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जॉय ऑफ गिविंग यानि खुशी देने का सुख, इस नई पहल के अंतर्गत रयात इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ओर से रूपनगर कैंपस में 'जॉय ऑफ गिविंग डे' मनाया गया। दीवार पर एक विश ट्री लगाया गया ताकि स्टूडेट्स के बीच जागरूकता पैदा की जा सके और उन्हे इस पहल के लिए योगदान करने के लिए प्रेरणा मिले। सभी छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें हिस्सा लिया और अपना-अपना योगदान दिया।

इस मौके पर असिस्टेट प्रोफेसर शेखर के मार्गदर्शन में इस थीम पर एक मजेदार नुक्कड़ नाटक पेश किया गया जिसे ऑडियंस ने खूब सराहा और छात्रों ने बाद में दान भी दिया। एक हफ्ते तक चले इस कैंपेन को बड़ा समर्थन मिला और 30,000 रुपये से ज्यादा नकद और दूसरी वस्तुएं एकत्रित हुईं।

इस सबंध में 200 स्टूडेट्स और स्टाफ का एक ग्रुप कुराली के प्रभ आसरा और रूपनगर के अपना घर वृद्धाश्रम के लिए गया, जिसे रूपनगर कैंपस के डायरेक्टर प्रो. एससी बेदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर आरआईएम के डायरेक्टर डॉ. सुरेश सेठ, आरसीई की प्रिंसिपल डॉ. जगदीप कौर और आरआइपी के डायरेक्टर डॉ. नरेश गिल भी मौजूद थे।

इस मौके पर प्रो. एससी बेदी ने छात्रों और स्टाफ को इस भलाई कार्य के लिए बधाई दी। छात्रों की ओर से खाने का सामान, कपड़े, खिलौने, मिठाइयां आदि बड़ी गिनती में दी गई और साथ ही 10,000 रुपये नकद भी दिए गए। यहां स्टूडेट्स ने निवासियों के साथ कुछ यादगार पल भी बिताए और उनसे आशीर्वाद और शुभकामनाएं लीं।


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