एैह तां डीसी दी नी सुणदे..फेर बमारी फैलण ते जागणे..
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रूपनगर शहर में मच्छरों का आतंक फैला हुआ है। शहर के निचले क्षेत्रों जिनमें मल्होत्रा कालोनी प्रमुख है, में खाली प्लाटों में बरसाती पानी भर गया है। इसी तरह माजरी गांव की तरफ से आने वाले बरसाती पानी की खड्ड समेत कई जगह और भी हैं जहां बरसात का पानी जमा हो गया है। ये बरसाती पानी मच्छरों के प्रजनन का कारण बन रहा है। पर जगह-जगह जमा बरसाती पानी को हटाने के लिए नगर परिषद प्रयास ही नहीं कर रही। डिप्टी कमिश्नर तनु कश्यप ने हाल ही में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग में स्पष्ट हिदायत की थी कि जिले में फॉगिंग करवाई जाए ताकि मच्छरों की समस्या से निजात दिलाई जाए। ये आदेश दिए भी आज एक सप्ताह बीत गया है लेकिन परिषद प्रबंधन ने कोई करवट नहीं ली। न ही फॉगिंग हो पाई और न ही प्लाटों में जमा पानी में कहीं काला तेल तक डाला गया है। ऐसा तब है जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू मलेरिया आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पखवाड़े मनाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में चुपी साधे हुए है।
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शहर की हर गली मोहल्ले में मच्छरों का आतंक
उल्लेखनीय है कि रूपनगर शहर में बेशक अभी खुलकर बारिश नहीं पड़ी है लेकिन थोड़ी बहुत बारिश के कारण ही शहर के खाली प्लाटों में बरसात का पानी जमा हो गया है। ये बरसाती पानी मच्छरों के पनपने का जरिया बन रहा है। इसके लिए नगर परिषद द्वारा खुद पहले कोई प्रबंध नहीं किए गए। शहर में हर गली मोहल्ले में मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं। सायं होते ही मच्छरों की तादात एकदम बढ़ जाती है। आम लोगों का घरों में तथा बाहर घूमना फिरना भी मुश्किल हो जाता है।
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लोगों ने लगाए आरोप : जिम्मेवारी से भाग रही है नप
शहर के लोगों पूर्व पार्षद राज कुमार, गुरविंदर सिंह जग्गी, राजवीर सिंह, कुलविंदर सिंह, मनोज शर्मा आदि ने कहा कि मच्छरों की तादात शहर में बहुत ज्यादा है। मच्छरों का आतंक है। वहीं, डेंगू व मलेरिया का खतरा अलग है। इन नामुराद बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन नगर परिषद प्रबंधन अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है।
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1 अगस्त से की जाएगी शहर में फॉगिंग : ईओ
रूपनगर नगर परिषद के कार्यसाधक अधिकारी मनजिंदर सिंह ने कहा कि शहर में खाली पड़े प्लाटों में से पानी को निकाला जाएगा। जहां पानी नहीं निकाला जा सकता, वहां दवा या काला तेल पानी में मिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि फॉगिंग भी करवाई जाएगी। इसके लिए शहर के विभिन्न भागों का रोस्टर तैयार कर लिया गया है। एक अगस्त से रोस्टर के मुताबिक फागिंग व दवाई डालने का काम शुरू किया जाएगा।