शिक्षा प्रोवाइडरों का प्रस्तावित धरना, पुलिस ने किया विफल
संवाद सहयोगी, रूपनगर
रूपनगर में दिए जाने वाले शिक्षा प्रोवाइडरों के प्रस्तावित राज्य स्तरीय धरने को पुलिस ने कड़े रोको प्रबंधों के चलते कामयाब नहीं होने दिया। सुबह से ही अध्यापक नेताओं को राउंडअप करने में पुलिस जुट गई थी। फिर भी एक दर्जन से ज्यादा अध्यापक नेता किसी तरह प्रदर्शन स्थल महाराजा रणजीत सिंह बाग के निकट पहुंच गए पर पुलिस की नजर से न बचने की वजह से वह रोष प्रदर्शन नहीं कर पाए।
शनिवार को पूरा दिन जहां शहर पुलिस छावनी बना रहा, वहीं विधानसभा क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रही। विशेष बात यह देखी गई कि पुलिस हर नाके पर आने जाने वाली बसों एवं प्राइवेट चौपहिया वाहनों को रोककर उनमें शिक्षकों की खोज कर रही थी और पता चलने पर शिक्षकों को बसों से नीचे उतारते हुए हिरासत में भी लिया जा रहा था। इसके अलावा पुलिस ने इस प्रस्तावित धरने को फेल करने के अलावा किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कई बस रूटों में बदलाव किया हुआ था। बावजूद इसके शहर से काफी दूरी पर कई जगह शिक्षकों ने हाईवे पर जाम लगाने की कोशिश भी की। पुलिस की सतर्कता के बावजूद कई शिक्षक शहर के अंदर प्रवेश करने में कामयाब भी रहे। प्रवेश करने वाले शिक्षकों का उस वक्त पता चला जब एक वाहन में उन्होंने नारेबाजी शुरू की। इस पर हरकत में आई पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया जिससे कोई भी प्रस्तावित धरना स्थल पर नहीं पहुंच सका। इसके अलावा कुछ शिक्षकों ने भेष बदल कर भी धरना स्थल तक दो-तीन का ग्रुप बनाकर जाने की कोशिश की जिन्हें सीआइडी विभाग व स्पेशल ब्रांच की सूचना पर धर दबोचा गया। इनमें काफी महिला शिक्षक भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस द्वारा आज दिन का उजाला होने से पूर्व ही कई शिक्षकों को उनके अपने शहर में ही हिरासत में लिया गया। यहां यह लिखना जरूरी है कि दो वर्ष पूर्व इसी प्रकार शिक्षकों ने धरना देने की कोशिश की थी लेकिन उस वक्त पुलिस इतनी सतर्क नहीं थी जिसके चलते कुछ शिक्षक हाथों में पेट्रोल की बोतलें लेकर अति संवेदनशील हेडवर्क्स के पुल पर जा चढ़े थे जिसके चलते उस वक्त पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे लेकिन आज पुलिस ने पहले से ही हर स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी प्रबंध कर रखे थे।
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चप्पे-चप्पे पर थी कड़ी सुरक्षा ---
प्रस्तावित धरने को देखते हुए हेड वर्क्स के अलावा लघु सचिवालय, बोट क्लब, वाटर लिली, मिल्क बार, नए बस स्टेंड, पुराने बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन, महाराजा रणजीत सिंह बाग, गुरूद्वारा श्री भट्ठा साहिब के आसपास जहां पूरी तरह से नाकाबंदी कर रखी थी, वहीं शहर को जोड़ते सभी मार्गो पर नाके भी लगा रखे थे। हेडवर्क्स के पास फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, पानी की बौछार करने वाले वाहन भी लगा रखे थे। जिला पुलिस के अलावा कुछ अन्य जिलों से भी पुलिस बल मंगवाया गया था।
आम लोगों को हुई काफी परेशानी
शिक्षकों के प्रस्तावित राज्य स्तरीय धरने को लेकर आम लोगों को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिक्षकों की तलाश में लगी रही पुलिस ने आम लोगों से भी पूछताछ की। बसों को रोककर पूरी पड़ताल करते हुए जाने दिया गया जिसके चलते बसों में बैठे लोगों को बिना कारण गर्मी में इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा आज नंगल व चंडीगढ़ की दिशा से आने वाली ज्यादातर बसों को नए बस स्टैंड नहीं जाने दिया गया जबकि नवांशहर की दिशा से आने वाली बसों के रूट बदले गए। इसके चलते भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। कई लोगों को अस्पताल आदि जाना था उन्हें भी पूछताछ के लिए पुलिस के द्वारा परेशान किया गया। इसके अलावा ज्यादातर बसें सवारी न होने के कारण खाली चलती देखी गईं।
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इन्हें किया गया राउंड अप ----
धरने को फेल करने के उद्देश्य से पुलिस ने वैसे तो लगभग 40 शिक्षकों को हिरासत में लिया गया है लेकिन सभी के नाम नहीं मिल सके। जिन्हें हिरासत में लिया गया, उन शिक्षकों के नाम मिले हैं उनमें बलविंदर सिंह सहित सुखबीर सिंह नूरपुर बेदी, हरजीत कौर, जसप्रीत कौर मोरिंडा, परमजीत कौर, नरिंदर कौर मोहाली, यूनियन के अध्यक्ष मनिंदर सिंह राणा आदि के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।