पेज का बॉटम-------कई सालों से लगे ट्री गार्ड ही नहीं उतारे, पौधे बन चुके हैं पेड़
जागरण संवाददाता, रूपनगर
पर्यावरण को लेकर बेशक हो हल्ला होता रहे लेकिन न तो प्रशासन इसको लेकर गंभीर है और न संबंधित वन विभाग और न ही समाजसेवी संस्थाएं। जब पर्यावरण दिवस आता है तो एक बार प्रशासन और साथ-साथ समाजसेवी संगठन सरगर्म हो जाते हैं। उसके बाद फिर वही ढाक के तीन पात वाले हालात बन जाते हैं।
दैनिक जागरण ने सूझवान पाठकों की शिकायत के बाद शहर में मौका-ए-मुआयना किया। आप ये देखकर हैरान हो जाएंगे कि तीन साल से लेकर आठ-दस साल पहले के समय में किए गए पौधारोपण अभियानों के दौरान नन्हें पौधों को पशुओं से बचाने के लिए लगाए गए ट्री गार्ड आज भी वहीं लगे हैं जबकि पौधे पेड़ बन चुके हैं। कई पेड़ तो दस या इससे भी ज्यादा फीट तक बढ़ गए हैं। यदि ये ट्री गार्ड पौधे के बढ़े होने के साथ निकाल लिए जाते तो आगे और नन्हें पौधों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे लेकिन अब तो ट्री गार्ड बेकार हो रहे हैं।
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नगर परिषद प्रबंधन निकलवाए ट्री गार्ड : महाजन
रूपनगर के डीएफओ नरेश महाजन का कहना है कि नगर परिषद की सीमा में लगे पेड़ों पर अगर ट्री गार्ड लगे हैं तो ये नगर परिषद प्रबंधन को निकलवाने चाहिए। क्योंकि शहर नगर परिषद की सीमा में आता है।
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पर्यावरण को लेकर संस्थाएं संजीदगी के साथ काम करें : एडवोकेट बैंस
पर्यावरण प्रेमी एवं एडवोकेट सरबजीत सिंह बैंस ने कहा कि समाजसेवी संस्थाओं को चाहिए कि वो अपने पर्यावरण कार्यक्रमों की पूरी रूपरेखा तैयार करके ही काम करें ताकि पर्यावरण के लिए किए जाने वाले प्रयास रंग दिखा सकें। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे पेड़ों से ट्री गार्ड निकालकर नए पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई संस्था सही मायने में पर्यावरण को लेकर सुहृदय है तो वो भी उनके सहयोग के लिए तत्पर हैं।