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नहर में ढूंढ रहे थे पैसे, मिला कारसूतों का जखीरा

विनोद कुमार, जितेन्द्र ¨सह, पठानकोट एयरफोर्स पर हुए आतंकी हमले की घटना को लोग अभी ढंग से भूले भी

By Edited By: Published: Sun, 31 Jan 2016 07:41 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2016 07:41 PM (IST)

विनोद कुमार, जितेन्द्र ¨सह, पठानकोट

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एयरफोर्स पर हुए आतंकी हमले की घटना को लोग अभी ढंग से भूले भी नहीं थे कि रविवार को मलिकपुर के पास हाईडल चैनल नहर से ¨जदा कारतूस मिलने की घटना के बाद फिर से दहशत का माहौल पैदा हो गया है।

रविवार को नहर में चल रहे मरम्मत कार्यो के कारण पानी कम था, जिसमें युवक नहा रहे थे। रुटीन में नहर में बीस से पच्चीस फीट तक पानी रहता है। फिलहाल, पुलिस व खुफिया एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि नहर से एक-47 व इनसास राफइल के 73 ¨जदा व 2 खाली कारतूस कहां से आए।

एयरफोर्स की घटना के बाद 26 जनवरी को सिटी स्टेशन पर मिले अफगानी युवक के बाद भी क्षेत्रवासियों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि पिछले छह महीनों के दौरान पहले दीनानगर, फिर एयरफोर्स पर हमला और अब नहर से ¨जदा कारतूसों मिलना किसी अनहोनी का संकेत दे रहा है।

नहर में नहा रहे गांव मलिकपुर के युवक शैली, अजुर्न कुमार, अजय कुमार व कर्ण कुमार ने बताया कि वह सुबह नहाने के साथ-साथ लोगों की ओर से नहर में फेंके जाने वाले पैसे इकट्ठा करने गए थे। उनके पास एक छोटी चुंबक थी जिसकी सहायता से वह नहर में फेंके गए सिक्के बाहर निकालते हैं। सुबह जैसे ही उन्होंने नहर में चुंबक फेंकी तो उसके साथ एक ¨जदा कारतूस बाहर आ गया। पहले तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं रहा परन्तु दूसरी बार जब मैगजीन बाहर निकला तो वह घबरा गए। इतनी देर में वहां से गांव गतौरा के सरपंच ठाकुर सुभाष सिहं गुजर रहे थे, जिन्हें कारतूस मिलने की बात बताई। इसके बाद उन्होंने संबंधित थाने की पुलिस को सूचित किया।

कारतूस को कब्जे में लेने के बाद पहले खुद एसएसपी खुद नहर में जमा पानी के पास पहुंचे और सारी जगह को अलग-अलग तरीके से देखा। इसके बाद एसएसपी ने थाना कानवां के सिपाही रविन्द्र ¨सह को पानी में भेजा तथा बाकी जवानों को आसपास के क्षेत्र में सर्च करने पर लगा दिया। पानी में सर्च कर रहे सिपाही रविन्द्र ¨सह को एक और मैगजीन मिली। पुलिस ने लगभग दो घंटे तक सर्च अभियान चलाया।

सूत्रो का कहना है कि इनसास व एक-47 की एक मैगजीन में 40 राउंद फिट होते हैं लेकिन, इसमें 40 की बजाय 30 कारतूस ही फिट करते हैं। किसी ने दोनों हथियारों के लिए कारतूस फिट किए होंगें। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कारतूसों के नंबर पढ़ कर ही जानकारी मिल सकती है।

पुराने लगते हैं कारतूस

एसएसपी आरके बख्शी ने कहा कि पहली नजर में यह कारतूस काफी समय से नहर में थे जिन्हें जंग लगा गया है। फिलहाल इस मामले की सारी जानकारी हायर अथारिटी के ध्यान में ला दी गई है।


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