संघर्षरर्त किसानों को थाने में किया बंद, रेल जाने के बाद छोड़ा
जागरण संवाददाता, नवांशहर, बहराम : बीते दिन बहराम में किसानों द्वारा रेल को रोक किए गए प्रदर्शन के बा
जागरण संवाददाता, नवांशहर, बहराम : बीते दिन बहराम में किसानों द्वारा रेल को रोक किए गए प्रदर्शन के बाद वीरवार को पुलिस काफी सतर्क नजर आई। वीरवार को पुलिस ने संघर्ष कर रहे आठ किसान जत्थेबंदियों ने करीब 50 सदस्यों को बहराम थाने में नजर बंद कर दिया। किसानों ने सरकार के खिलाफ थाने में भी रोष जाहिर करते हुए नारेबाजी की। वहीं पुलिस ने वीरवार को किसानों के संघर्ष को किसी भी कीमत पर असफल बनाने के लिए पुलिस बल डीएसपी सर्बजीत ¨सह वाहिया के नेतृत्व में बहराम के साथ-साथ अन्य स्टेशनों पर भी तैनात किया। कुलथम स्टेशन पर कटारिया चौकी के प्रभारी सोढी ¨सह की पुलिस पार्टी मौजूद थी। गौर हो कि किसान नरमे की फसल के उचित मुआवजे, बासमति के उचित भाव तय करने व दान की फसल की खरीद को यकीनी बनाने के लिए संघर्ष कर रहे है।
जानकारी के अनुसार किसानों के रेल रोको प्रोग्राम अधीन जो रेलवे स्टेसन बहराम पर रेलवे लाईन पर धरना दिया था, उसे खत्म करने के लिए पुलिस ने सरकार के आदेशों पर सख्ती दिखाई। गौर हो कि बीते बुधवार को किसानों ने बहराम में रेल का घेराव किया था और उनका धरना लगातार जारी थी। पुलिस को संदेह था कि अंदोलनकारी वीरवार को भी रेल का घेराव करेंगे। वहीं पुलिस की कार्रवाई से किसानों नेताओं में को भी संदेह सता रहा था कि पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए कही उन्हें जेल न भेज दे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। दोपहर डेढ़ बजे की रेल के गुजर जाने के बाद पुलिस ने किसानों को रिहा कर दिया। बहराम पुलिस द्वारा हरमेश ¨सह ढेसी, कुल¨वदर चाहल व मोहन ¨सह धमाना के अलावा अन्य किसानों को थाने में नजरंबद किया गया था। दूसरी ओर पुलिस की उक्त कार्रवाई की ¨नदा करते हुए किरती किसान यूनियन के जिला प्रधान सु¨रदर ¨सह बैंस ने कहा कि सरकार पुलिस के बल से किसानों के संघर्ष को दबा नहीं सकती। किसान हितैषी कहलाने वाली सरकार किसानों की जायज मांगों पर गौर नहीं कर रही, बल्कि संघर्ष को पुलिस की लाठी से दबाना चाहती है। जिसे किसी कीमत पर भी सहन नहीं किया जाएगा।