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39 30ए) अध्यापक-सरपंच विवाद ने पकड़ा राजनीतिक रंग

-राजनीतिक पार्टियों की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना विवाद -एक तरफ शिअद तो दूसरी तरफ कांग्रेस व अन्य पा

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 06:42 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 06:42 PM (IST)
39 30ए) अध्यापक-सरपंच विवाद ने पकड़ा राजनीतिक रंग

-राजनीतिक पार्टियों की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना विवाद

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-एक तरफ शिअद तो दूसरी तरफ कांग्रेस व अन्य पार्टियां साथ

-सरपंच ने एडीसी को मांगपत्र सौंप कर स्कूल अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई करने की उठाई मांग

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जागरण संवाददाता, नवांशहर : वीरवार को मजारी के गांव जैनपुर के सरपंच के नेतृत्व में एक मांगपत्र एडीसी अपनीत रियात को सौंपकर सरकारी स्कूल में तैनात अध्यापक खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। गौर हो कि बीते कुछ दिनों से गांव जैनपुर में तैनात सरकारी अध्यापक व ग्राम पंचायत के बीच विवाद चल रहा है। जिसे लेकर बीते दिनों दोनों पक्षों ने बलाचौर में धरना प्रदर्शन किया था। उसके बाद सरपंच व उसके साथियों पर थाना बलाचौर में केस दर्ज हुआ और वहीं उक्त अध्यापक को विभाग द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद यह विवाद सुलझने की बजाय उलझता जा रहा है। इस मामले को राजनीति का अखाड़ा बनाने में दोनों पक्ष लग गए हैं। ग्राम पंचायत को यहां सत्ता पक्ष अकाली दल का समर्थन है, वहीं अध्यापक के पक्ष में अन्य राजनीतिक पार्टिया कांग्रेस, पीपीपी, सीपीआइ व ग्रामीण मजदूर यूनियनें उतर गई हैं।।

एसडीसी को दिए मांगपत्र संबंधी जानकारी देते हुए गांव के सरपंच गुरनाम ¨सह ने बताया कि वह 5 अक्तूबर को गांव के स्कूल में गए तो स्कूल की पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूल में मौजूद नहीं थे। इस बारे में स्कूल में मौजूद अध्यापक परमानंद से पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इसी बीच उन्हें पता चला कि उक्त विद्यार्थियों को परमानंद डीईओ दफ्तर नवांशहर में अपने हुए तबादले के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए ले गया है। जिसके बार-बार पूछने पर बच्चे स्कूल में आ गए। इस मौके पर डिप्टी डीइओ तरनजीत ¨सह भी मौजूद थे, जिनके सामने ही कुछ लोगों ने माहौल खराब करने की कोशिश भी की। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त अध्यापक गांव में कथित तौर से गुटबाजी पैदा करते हैं, जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा है। वहीं वह पत्रकार होने के नाम पर ग्राम पंचायत को परेशान भी कर रहा है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर उनके साथ सड़ोया ब्लाक समिति के चेयरमैन हर अम¨रदर ¨सह ¨रकू, मंदल ¨सह आदि भी उपस्थित थे।

ब्रहमपुरी के हक के लिए मुख्यमंत्री तक पहुंच करेंगे : लक्की

- कांग्रेस, पीपीपी व वामदलों के नेताओं ने नवांशहर में की प्रेस कान्फ्रेंस

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संवाद सहयोगी, नवांशहर : गांव जैनपुर में अध्यापक व सरपंच के बीच पैदा हुए विवाद के मामले में वीरवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने नवांशहर में प्रेस कान्फ्रेंस की। कान्फ्रेंस में पहुंचे नेताओं ने कहा कि अध्यापक परमा नंद ब्रहमपुरी के साथ धक्केशाही राजनीतिक शह पर हो रही है। अध्यापक के साथ किसी भी तरह की धक्केशाही नहीं होने दी जाएगी तथा अगर जरूरत पड़ी तो अध्यापक के हक में मुख्यमंत्री तक पहुंच की जाएगी।

कांग्रेस नेता प्रेम चंद भीमा, पीपीपी नेता सत¨वदर ¨सह सूबा ने कहा कि अध्यापक परमा नंद ब्रहमपुरी ने गांव जैनपुर के सरकारी स्कूल का नक्शा बदल दिया। स्कूल में विद्यार्थियों को समाज सेवकों की मदद से वर्दी उपलब्ध करवाकर बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा ब्रहमपुरी की ओर से अपने नजदीकियों के सहयोग से स्कूल में 24 के करीब पंखे लगाए तथा स्कूल में जेनरेटर व आरओ सिस्टम का प्रबंध करवाया। स्कूल के स्तर को उठाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहने वाले मेहनती अध्यापक को सरकार की ओर से सम्मानित करने की बजाए उसे तंग परेशान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हलके में सरकारी स्कूलों का पहले ही बहुत बुरा हाल है तथा ऐसे में हलका विधायक स्कूलों के स्तर को उठाने पर ध्यान देना चाहिए, न कि इस तरह के मुद्दों पर। इस मौके पर कांग्रेस हलका इंचार्ज एडवोकेट राज¨वदर लक्की, पीपीपी नेता दर्शन लाल मंगुपुर, जिला परिषद मेंबर विक्की काठगढ़, ग्रामण मजदीर यूनियन के भू¨पदर मान, सीपीएम के पर¨मदर मेनका, मलकीत ¨सह, पंकज राणा, विजय उधनोवाल आदि उपस्थित थे।

सस्पेंड का फैसला राजनीतिक नहीं, विभागीय है : डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि ईटीटी अध्यापक परमानंद पर जो भी कार्रवाई हुई है, वह राजनीतिक दबाव में नहीं हुई। विभाग के काम में राजनीतिक दखल अंदाजी नहीं होती। विभाग के मसलों को राजनीतिक रुप दिलवाना सही नहीं।

विक्की के नाम पर लक्की व भीमा में नोकझोंक

प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेसी नेता प्रेम चंद भीमा की ओर से जिला परिषद मेंबर विक्की काठगढ़ का नाम बार-बार लिए जाने से भीमा व हलका इंचार्ज राज¨वदर लक्की में आपसी दूरी स्पष्ट दिखाई दी। कान्फ्रेंस में विक्की के आने से पहले भीमा की ओर से पत्रकारों को कई बार कहा कि उनके दो बेटे (विक्की काठगढ़ व संदीप भाटिया) आ रहे हैं, उनका नाम भी जरुर डाल लें। कुछ समय बाद विक्की तो आ गए, लेकिन संदीप नहीं आए। भीमा की ओर से इशारों ही इशारों में लक्की को निशाने पर लिए जाने पर वहां पर माहौल थोड़ा गर्म हो गया। लक्की ने भी विधानसभा चुनावों से पहले बलाचौर के कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से उनका साथ न दिए जाने की बात कह दी। लक्की ने कहा कि दिल्ली में टिकट लेने से पहले उनके साथ आधा दर्जन लोग हाईकमान के समक्ष पेश हुए थे। उस समय सभी ने कहा कि उनमें से किसी को भी टिकट मिल जाए, वे एकसाथ काम करेंगे, लेकिन जब उन्हें टिकट मिल गई, तो कई उनसे दूर बनाकर खड़े हो गए। इस दौरान सूबा ने लक्की का पक्ष लिया, जबकि मंगुपुर ने आपसी खींचतान छोड़ मुद्दे पर आने की बात कही।


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