चिकित्सा जगत में अध्यात्म निषिद्ध विषय नहीं : साध्वी शुभ्रा
जागरण संवाददाता, नवांशहर : पहले लोग अध्यात्म और अच्छे स्वास्थ्य के बीच संबंध की बात पर हंस दिया क
जागरण संवाददाता, नवांशहर : पहले लोग अध्यात्म और अच्छे स्वास्थ्य के बीच संबंध की बात पर हंस दिया करते थे, लेकिन हॉलिस्टिक ही¨लग की लोकप्रियता के कारण विज्ञान और चिकित्सा जगत में अध्यात्म कोई निषिद्ध विषय नहीं रह गया है। यह विचार साध्वी शुभ्रा भारती जी ने व्यक्त किए। वह रविवार को यहा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से श्री गोमतीनाथ मंदिर में आयोजित सत्संग सभा में प्रवचन कर रही थीं।
साध्वी शुभ्रा जी ने कहा कि शिकागो यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने प्रथम अध्ययन से निष्कर्ष निकाला है कि ईश्वर में आस्था रखने पर शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। शारीरिक स्वास्थ्य और धार्मिक विश्वास के बीच क्या संबंध है। इसका अध्ययन करने के लिए इस विश्वविद्यालय को 18 लाख डॉलर की सहायता मिली है। अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि संप्रदाय निरपेक्ष अर्थात शुद्ध अध्यात्म का गहराई से अनुसरण करने पर शरीर की प्राकृतिक क्रियाविधि व शारीरिक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है। धर्म और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच की कड़ी को खोजने का कार्य शिकागो विश्वविद्यालय जैसी संस्था को सौपा जाना, इस बात का घोतक है कि अब वैज्ञानिक क्षेत्र के लोग भी जीवन में अध्यात्म के महत्व को समझने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि आधुनिकता की एक विशेषता यह है कि विज्ञान और बुद्धिवाद की उपलब्धियों पर ही विश्वास किया जाए, परन्तु, वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ताओं का विज्ञान और अध्यात्म के बीच संबंध स्थापित करने में रूचि दिखाना गंभीर परिवर्तन का सूचक है। अंतत: मानना ही होगा कि मानवता के विकास में वैज्ञानिक लोग धर्म और अध्यात्म की भूमिका को भी ध्यान में रखने लगे हैं। कार्यक्रम के अंत में भजन संकीर्तन किया और भक्तों ने इसका आनंद लिया।