उगते सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रत का पारण
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सुहागिनों ने वीरवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी बहन छठ देवी को
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सुहागिनों ने वीरवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी बहन छठ देवी को प्रसन्न किया। सोमवार को सुहागिनों ने छठपूजा की शुरुआत नहाय-खाय से की थी। मंगलवार को खरना की रस्म बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। 30 अक्टूबर कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर अन्न-जल ग्रहण करने से बाद पारण रस्म को संपूर्ण कर छठ व्रत का उद्यापन किया।
वीरवार को शुगर मिल के पीछे कूलिंग प्लांट में उत्सव का आयोजन करने वाली श्री-श्री 108 मां छठपूजा समिति फतेह नगर के पदाधिकारी, शुगर मिल के चेयरमैन रंजीत सिंह झींगड़, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर जरनल मैनेजर कंवल जीत सिंह, मिल के सभी प्रशासकीय अधिकारियों के अलावा पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार और कोलकाता आदि प्रदेशों के हजारों लोग एकत्रित थे। जिले में यह पर्व बलाचौर, राहों, बंगा और नवांशहर में भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
बुधवार शाम से ही सुहागिनें पूजास्थल पर मौजूद थी। छठ व गंगा मैया की महत्ता बताने वाले पारंपरिक गीतों 'कांचे रे बांस के बहंगीयावां, बहगिया लचकत जाय', 'हे छठी मैया हमहूं अरघिया देबै..', 'शोभेला घाट छठी माई के, छठी माई के लागल दरबार' से पूजास्थल गुंजायमान हो रहा था। पूजास्थल केले के पेड़ों व तोरणद्वारों से सजे हुए थे। गायत्री मंत्र की गूंज से वातावरण में भक्तिरस प्रवाहमान था। लोग पटाखे दागकर खुशियां व्यक्त कर रहे थे। चाय-पकौड़े के लंगर का लुत्फ उठा रहे थे।
वीरवार प्रात: जैसे ही सूरज की पहली किरण ने धरती को चूमा, उसी के साथ ही जलाशयों में खड़ी सुहागिनों ने सूर्यदेव को अर्घ्य दे मां-छठ के जयकारे लगाए। पति, बच्चों की दीर्घायु की कामना के साथ घर में सुख-समृद्धि का वरदान मांगा।
इस मौके पर हरेराम सिंह, प्रवीन कुमार निराला, राजकुमार शाह, जितेंद्र लाला, जवाहर, राजेश यादव, टुनटुन गुप्ता, नन्हे खान, आजाद खान, अमोद कुमार, भरत, उपेंद्र यादव, मुनीष वर्मा, लालू, किशोर भगत, विनय कुमार, राम वृक्ष, रविंद्र व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
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धूमधाम से मनाया छठ पूजा का पर्व
फोटो नं. 36,37
संवाद सहयोगी, काठगढ़
गांव आसरों के प्रेम नगर, रैलमाजरा व टौंसा में रह रहे बिहार व उत्तर प्रदेश से आकर बसे लोगों ने परिवार की सुख शांति व संतान प्राप्ति के लिए छठ पूजा का व्रत रखा। नजदीक से गुजरती बिस्त दोआब नहर के किनारे बने घाटों पर लोगों ने छठ मैया की पूजा की।