जाली कागजात पर लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश
सनप्रीत सिंह मांगट, नवांशहर पुलिस ने तहसील बंगा के गांव बहिराम में एनआरआइ की जमीन के फर्जी मालिक ब
सनप्रीत सिंह मांगट, नवांशहर
पुलिस ने तहसील बंगा के गांव बहिराम में एनआरआइ की जमीन के फर्जी मालिक बन जाली कागजात पर तीन बैंकों से लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। थाना सदर बंगा ने एक व थाना सिटी बंगा में धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए हैं। 21 अक्टूबर के थाना सदर बंगा ने भी धोखाधड़ी के एक मामले में छह लोगों को नामजद किया है। यहां वर्णनीय बात यह भी है कि एनआरआइ की जमीन पर लोन के मामले को दैनिक जागरण ने 7 सितंबर के अंक में प्रकाशित किया था।
बंगा के डीएसपी सर्बजीत सिंह बाहिया के अनुसार 21 अक्टूबर को पुलिस थाना सदर बंगा ने ढाहांकलेरां स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के ब्रांच मैनेजर सुदेश कुमार धोखाधड़ी की सूचना दी थी। मैनेजर ने कहा था कि बीते दिनों उनकी ब्रांच से एक व्यक्ति ने मनजोत सिंह ने अपनी जमीन पर दस लाख रुपये का ऋण लिया। फिर से यही व्यक्ति और लोन की मांग करने लगे। जांच में ये फर्जी पाए गए। ईओ विंग की जांच के बाद मनजोत सिंह बनने वाले बहादुर सिंह, सुरिंदर सिंह बनने वाले परगट सिंह, जाली नंबरदार बनने वाले दविंद्र सिंह, अवतार सिंह व रेंटा बासी बहराम के खिलाफ गलत तरीके से मनजोत सिंह की जमीन बैंक के पास गिरवी रखने के आरोप में केस दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
थाना सिटी बंगा पुलिस ने इंडियन बैंक के ब्रांच मैनेजर कृष्ण कुमार की शिकायत पर इंडियन बैंक के ब्रांच मैनेजर कृष्ण कुमार की शिकायत पर अज्ञात पर पर्चा दर्ज किया था। मैनेजर ने शिकायत दी कि मनजोत सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उनके पास कृषि के लिए लोन मांगा। कुछ लोगों ने गारंटी भी डाली व गांव बहराम के नंबरदार जसवंत सिंह ने उनकी पहचान को तसदीक भी किया। लोन दिए जाने के बाद पता चला कि इन लोगों ने बैंक के साथ तीन लाख की ठगी की है। ईओ विंग ने जांच के बाद इस मामले में बलवीर सिंह व प्रगट सिंह वासी कंगनीवाल जिला होशियारपुर, बहादुर सिंह बासी गांव हजारा जिला जालंधर व बहिराम के नंबरदार जसवंत सिंह पर कार्रवाई शुरू की गई है।
तीसरे पर्चे में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर बंसी लाल की शिकायत की जांच में पुलिस थाना सिटी बंगा ने तीन लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। बंसी लाल की शिकायत के अनुसार उनकी ब्रांच से केवल सिंह नाम के एक व्यक्ति ने 20 लाख रुपये का कृषि लोन लिया। उसकी गारंटी मनजोत सिंह ने दी और बहराम के नंबरदार जसवंत सिंह ने इसकी तसदीक की। बाद में पड़ताल के लिए मिलाए गए फोन नंबर बंद थे। बैंक की अन्य जांच में पता चला कि इन व्यक्तियों ने दूसरे बैंकों से भी लोन ले रखे हैं। अब पुलिस ने बहादुर सिंह पुत्र बिक्कर सिंह वासी चबेवाल जिला होशियारपुर, बहादर सिंह पुत्र दरबारा सिंह वासी हजारा जिला जालंधर व बहिराम के नंबरदार जसवंत सिंह का धोखाधड़ी के आरोप में नामजद किया है।
एक-दूसरे के गारंटर बन करते थे ठगी
अब तक की पुलिस जांच में सामने आया कि तीनों केसों में नामजद लोग एक-दूसरे के गारंटर बनकर बैंक से लोन लेते थे। उनकी पहचान तसदीक करने के लिए बहराम के नंबरदार सहयोग करते थे। ये लोग लंबे समय से विदेश गए लोगों की पहचान कर उनकी जमीन की फरद लेकर जाली दस्तावेज तैयार कर बैक से ठगी करने का धंधा करने लगे थे।
एक ही बैक में दूसरी बार लोन मांगा तो हुआ पर्दाफाश
पंजाब एंड सिंघ बैंक ढाहांकलेरां से फिर से लोन मांगने की अर्जी देने के बाद इस गिरोह का भांडा फूट गया। दूसरी बार फर्जी मनजोत सिंह ने अपने पिता का नाम लिखाना चाहा तो वह भटक गया। कोई और ही नाम लेने पर बैंक अधिकारियों को शक हुआ तो वह तहसील कांप्लेक्स से ही फरार हो गए। बैंक अधिकारियों ने डीड तैयार करने वाले से बात की तो पाया कि इन लोगों ने तीन बैंकों से अलग-अलग नाम पर लोन लिया था और आपस में ही गारंटर थे।
एक जैसे हस्ताक्षर होने पर बढ़ी आशंका
तीनों मामलों में लगाए गए फर्जी कागज अलग-अलग जगह से जारी लग रहे थे, जारी करने वाले के हस्ताक्षर एक जैसे ही हैं। ऐसे में इन लोगों पर धोखाधड़ी गिरोह के होने की आशंका बढ़ गई।