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जिले के पांच गांव नहीं जलाएंगे पराली

सनप्रीत सिंह मांगट, नवांशहर ठीक एक साल पहले आई डीसी अनिंदिता मित्रा ने जिले को प्रदूषणमुक्त करने क

By Edited By: Published: Thu, 16 Oct 2014 02:04 AM (IST)Updated: Thu, 16 Oct 2014 02:04 AM (IST)

सनप्रीत सिंह मांगट, नवांशहर

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ठीक एक साल पहले आई डीसी अनिंदिता मित्रा ने जिले को प्रदूषणमुक्त करने का उद्देश्य रखा। इसी का परिणाम है कि जिले के पांच गांवों में अब से पराली जलाई नहीं जाएगी। डीसी की प्रेरणा से गांव बेगमपुर की कॉपरेटिव सोसायटी ने 13 लाख 10 हजार रुपये में वेलर मशीन खरीदी। इसमें प्रदेश सरकार ने पांच लाख 70 हजार रुपये की सब्सिडी दी है।

बीते वर्ष डीसी अनिंदिता मित्रा ने जिले के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली धान की पराली को जलाने से रोकने के लिए निकाले विकल्प निकालते हुए खेतीबाड़ी विभाग के सहयोग के साथ शहर के नजदीकी गांव बेगमपुर की सरकारी कॉपरेटिव सोसायटी को एक वेलर मशीन खरीदकर दी। बेगमपुर कॉपरेटिव सोसायटी के सेक्रेटरी अमरीक सिंह ने बताया कि पिछले साल पराली को इकट्ठा करके बिज्जों के पावर प्लांट पर सप्लाई कर सारे खर्च निकालकर करीब डेढ़ लाख रुपये का लाभ हुआ था। इस वर्ष टारगेट है कि आठ से नौ लाख रुपये कमाए जाएं। इससे मशीन की खरीद पर खर्च राशि कवर हो जाएगी।

किसान सोसायटी से करें संपर्क: राय

सोसायटी के प्रधान दिलबारा सिंह राय ने कहा कि जलाने से एक तो वातावरण प्रदूषित होता व दूसरा जमीन में पैदा हुए मित्रकीट मर जाते हैं। कई बार सड़क के आसपास पराली को लगाई आग से हादसे भी हो चुके हैं। किसान पराली जलाने की बजाय सोसायटी से संपर्क करें। इससे पहले अपने ट्रैक्टर द्वारा चलित कटर से पराली को काट दें। सोसायटी की रैकिंग व वेलर मशीन फ्री पराली इकट्ठी करेगी। बाद में लेबर की मदद से एक दिन में ही सारा काम खत्म कर लिया जाता है।

एक घंटे में एक एकड़ का काम पूरा

रैकिंग मशीन के चालक कमलजीत सिंह ने बताया कि मशीन कुछ मिनटों पर पराली को इकट्ठा कर लाइनों में लगा देती है। इसके बाद वेलर मशीन चलती है। वेलर मशीन के चालक लखविंदर सिंह ने बताया कि 40 से 60 मिनट में मशीन एक एकड़ से पराली की गट्ठे बांध देती है। इसमें करीब छह लीटर डीजल का खर्च आता है।

फैक्ट फाइल

-एक एकड़ से निकलती है 24-25 क्विंटल पराली

-140 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है पराली

- 10 हजार क्विंटल पराली इस वर्ष इकट्ठा करने का सोसायटी का टारगेट

-सोसायटी की कोशिश-गांव बेगमपुर, जाफरपुर, हुसैन चक्क, बरनाला व लंगड़ोआ में न जले पराली

-दो दर्जन लोगों को मिल रहा रोजगार, सभी गांव बेगमपुर के

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जिले को प्रदूषणमुक्त करने का प्रयास:डीसी

डीसी अनिंदिता मित्रा ने बताया कि बेगमपुर के बाद जिले में तीन और मशीनें किसानों को सब्सिडी पर दिलाई गई हैं। प्रशासन का मकसद है कि जिले को प्रदूषण मुक्त किया जाए।

किसान पराली न जलाए: डॉ. भजन सिंह

जिला कृषि अधिकारी डॉ. भजन सिंह ने कहा कि पराली को जलाएं नहीं। जो किसान वेलर मशीन का लाभ नहीं ले सकते वह पराली जलाने की बजाय रोटावेटर व हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई करें।


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