14 साल बाद जिगर का टुकड़ा देखा भी तो आखिरी बार
संवाद सूत्र, मजारी
इटली गए बलजिंदर सिंह का शव शुक्रवार को उसके गांव ऐमां में पहुंचते ही गांव सन्नाटा छा गया। विदेश गए बलजिंदर व उसके परिजनों ने 14 साल से एक-दूसरे की सूरत नहीं देखी थी। अब वनवास के बाद सामना हुआ तो सिर्फ अंतिम विदाई देने के लिए।
इटली में सड़क दुर्घटना में मारे गए बलजिंदर सिंह के मामा सुरजीत सिंह कंग ने बताया कि बलजिंदर इटली में डेयरी फार्मिग करता था। नौ जून को कहीं बाहर किसी काम की वजह से गया और सड़क पर चलते हुए किसी वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को आए शव को देखकर माता महिंदर कौर और पिता सोहन सिंह का विलाप हृद्यविदारक था। उन्होंने सिर्फ यही कहा कि बेटा हमने तुझे इसलिए वहां नहीं भेजा था कि तू वापस आकर हमें रोता हुआ छोड़ कर चला जाएगा। कितने सपने सजा रखे थे कि बेटा आएगा और हम धूमधाम से उसकी शादी करेंगे। हम तुझे बसाना चाहते थे और तू हमें ही उजाड़कर चला गया बची जिंदगी में रोने के लिए।
शवयात्रा से गांव के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार तक मौजूद गांववासियों सहित रिश्तेदारों और समाजसेवियों की आंखें नम थी। इनमें माता महिंदर कौर, पिता सोहन सिंह, भाई नरिंदर सिंह, बहन कमलजीत कौर, माता सुरजीत सिंह कंग, रघुवीर सिंह कंग और तिलक राज सूद भी थे।