ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ गरजे अध्यापक
संवाद सहयोगी, नवांशहर : स्थानीय निकायों के तहत संचालित स्कूल व्यवस्था में कार्यरत अध्यापकों ने सोमवार को शहर में रोष प्रदर्शन किया। शिक्षा विभाग में मर्ज किए जाने की मांग को लेकर अध्यापकों ने चंडीगढ़ चौक पर भी कुछ देर धरना दे यातायात रोका। फिर पुतला फूंक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
चंडीगढ़ चौक पर प्रदर्शन के दौरान अध्यापक नेताओं ने कहा कि मौजूदा अकाली दल ने चुनाव से पहले उनसे वायदा किया था कि अकाली दल की सरकार आने पर जिला परिषद व नगर कौंसिल के अधीन काम करने वाले ईटीटी अध्यापकों को पक्का कर दिया जाएगा, लेकिन आठ वर्ष के करीब का समय बीत जाने के बाद भी इन अध्यापकों को शिक्षा विभाग के अधीन न लाकर पक्का नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में लगभग 13 हजार अध्यापक जिला परिषद व नगर कौंसिल के अधिक लगभग 6 लाख बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। ईटीटी यूनियन के प्रधान जसविंदर सिंह सिद्धू पिछले 10 दिन से डीपीआइ दफ्तर मोहाली में मरणव्रत पर बैठे हुए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए।
31 जुलाई को प्रदेशभर में सरकार के मंत्रियों व मुख्य संसदीय सेक्रेटरी के आवास पर अध्यापकों की ओर से भूख हड़ताल की जाएगी। रोष जताने वालों में सुरिंदर बद्धन, गुरदीप सिंह, अश्वनी कुमार, हरमिंदर उप्पल, कुलदीप सिंह, भूपिंदर सिंह वड़ैच, जसविंदर औजला, करनैल सिंह, सुखदेव सिंह, सतनाम राम, गुरचरण सिंह, संदीप शर्मा, रमन कुमार, कुलदीप सिंह दौड़का व अन्य भी उपस्थित थे।