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'अब गांवों में नशा बेचने वालों की खैर नहीं'

By Edited By: Published: Wed, 23 Oct 2013 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2013 05:33 PM (IST)

वरिष्ठ मुख्य संवाददाता, नवांशहर

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जिला प्रशासन ने केमिस्ट एसोसिएशन से अपील की है कि वह नशे की रोकथाम के लिए पूरा सहयोग दे। बुधवार को डीसी अनंदिता मित्रा की मौजूदगी में हुई बैठक में डीसी ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सभी केमिस्ट से कहा है कि वे प्रतिबंधित साल्ट वाली दवाइयां न बेचें। इसके साथ ही जिले में व्यापक स्तर पर नशे के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए उन्होंने जिले के एसडीएम को हिदायत देते हुए कहा कि वे पटवारियों और आंगनबाड़ी वर्करों के जरिए गांवों में नशा बेचने वाले व्यक्तियों की शिनाख्त कराएं। डीसी ने सख्त लफ्जों में कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डीसी ने कहा कि डाइफिलोक्सीलेट, पोडीन, पेंटाजोसीन, बुप्रीनोरफीन व नाइट्राजेपाम आदि दवाएं स्टेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा आम केमिस्टों की दुकानों पर बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन्हें सिर्फ अस्पतालों में इमरजेंसी में ही प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संबंधित अस्पताल में मौजूद केमिस्ट, जिसके पास उक्त दवा के लिए डाक्टर की लिखी पर्ची के आधार पर इसे बेच सकते हैं। इसके लिए संबंधित अस्पताल के डाक्टरों को अलग से एक रजिस्टर रखना पड़ेगा, जिसमें इन दवाओं के स्टॉक व बिक्री के बारे में पूरी जानकारी दी गई होगी।

ड्रग इंस्पेक्टर जय जयकार सिंह ने कहा कि जिले में अभी तक केवल दो अस्पतालों ने ही इन सॉल्टों वाली दवाइयों की मंजूरी के लिए आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि बिना आदेश के कोई केमिस्ट ऐसी दवाइयों को बेचते हुए पाया गया तो ड्रग व केमिस्ट एक्ट 1940 व 1945 की धारा 18सी के तहत उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। जिले में थोक व फुटकर विक्रेता केमिस्टों की कुल संख्या 381 है। इनमें से शेड्यूल एच व लाइफ सेविंग ड्रग्स बेचने के लिए दुकान पर केमिस्टों का मौजूद रहना लाजमी है। उन्होंने कहा कि बिना डाक्टर की सलाह के हैबिट फार्मिग दवाइयों की बिक्री भी वर्जित है।

डीसी ने कहा कि नशे की समस्या सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रमुख समस्याओं में से एक है। उन्होंने केमिस्टों से आह्वान किया कि वे प्रशासन की इस मुहिम में सहयोग करके समाज के प्रति अपना योगदान दें। डीसी ने किशोरावस्था एवं नवयुवकों बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें।

डीसी ने कहा कि जिला पुलिस एवं प्रशासन के साथ सेहत विभाग की संयुक्त कार्रवाई के दौरान पिछले साल नौ केमिस्टों के लाइसेंस मुअत्तल किए हैं और पांच के रद किए जा चुके हैं। इसके अलावा दस केमिस्टों के खिलाफ अदालतों में केस दायर किए हुए हैं। इस मौके पर बंगा के एसडीएम अरविंद कुमार, नवांशहर की एसडीएम निधि कलोत्रा, बलाचौर के एसडीएम नयन जस्सल, सिविल सर्जन डा.धर्मपाल, एसपी-डिटेक्टिव गगन अजीत सिंह, जिला एटार्नी विपिन धीर, जिला केमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान रमेश पुरी, पुष्पराज कालिया, सतनाम पनेसर, रवि गौतम व अन्य मौजूद थे।

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