दूसरों की संपत्ति पर अधिकार जमाने वाला दुर्योधन : कमलानंद जी
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब श्री मुक्तसर साहिब श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभ
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
श्री मुक्तसर साहिब श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणानंद जी महाराज के सुयोग्य शिष्य श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने श्रीमद्भगवद गीता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो दूसरों की संपत्ति पर अपना अधिकार जमाता है। सदैव दूसरों के वैभव से जलता व ईष्र्या करता है उसका खुद का ही बुरा होता है। इसलिए कभी दूसरों की संपत्ति पर अधिकार न जमाएं। खुद की मेहनत और लगन से धन अर्जित करें। महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद जी महाराज ने यह विचार मंगलवार को श्री राम भवन में आयोजित श्रीमद् भगवद गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम के दौरान प्रवचनों की अमृतवर्षा दौरान कहे।
उन्होंने कहा कि दुर्योधन पांडवों की संपत्ति को अपना मान बैठा था। पांडवों के प्रभाव से हमेशा जलता ही रहता था। उसका परिणाम ये हुआ कि सौ कौरवों में से एक भी न बचा, जबकि पांडवों का कोई बाल भी बांका न कर पाया। गुरु जी ने कहा कि जो दूसरों की संपत्ति पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश करता है वह दुर्योधन समान होता है इसलिए दूसरों की संपत्ति को अपना न मानें। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में सत्य का आचरण अपनाएंगे तो शक्ति आएगी। अगर असत्य का आचरण होगा तो शक्ति क्षीण हो जाएगी।