Move to Jagran APP

40 लाख के गब्बर के मेले में रही धूम

- नौवीं राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप का धूमधाम से आगाज - पशु पालन से हुआ किसानों की आर्थिक हालत में

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 01:03 AM (IST)
40 लाख के गब्बर के मेले में रही धूम

- नौवीं राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप का धूमधाम से आगाज

loksabha election banner

- पशु पालन से हुआ किसानों की आर्थिक हालत में सुधार : रणीके

फोटो संख्या 13 व 14

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब

राज्य सरकार की ओर से करवाई जा रही नौवीं पशुधन चैंपियनशिप व लाइव स्टॉक एक्सपो का शुक्रवार को गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में धूमधाम से आगाज हुआ। जिसका उद्घाटन पशु पालन, डेयरी विकास व मछली पालन मंत्री गुलजार सिंह रणीके ने किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशु पालन के व्यवसाय को उत्साहित करना है। जिससे किसानों की आर्थिक हालत में सुधार करने के साथ ही पशुओं की नसलों में भी सुधार किया जा रहा है। राज्य में देश के कुल जानवरों का दो प्रतिशत होने के बावजूद दूध उत्पादन में आठ प्रतिशत हिस्सेदारी है। मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. पीके उप्पल ने लोगों को अच्छी नसल के पशु रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इनसे मिलने वाला प्रोटीन अच्छी किस्म का होता है। विभाग के डायरेक्टर डॉ. एचएस संधा ने बताया कि नसल सुधार का ही परिणाम है कि आज राज्य में अच्छी नसल के जानवरों की मांग बढ़ चुकी है। दूध की पैदावार भी पहले से काफी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि इस चैंपियनशिप में सात राज्यों के पशु पालक भाग ले रहे हैं। पहले दिन ही चार हजार से अधिक पशुओं की रजिस्ट्रेशन हुई है। इस अवसर पर डेयरी विकास के डायरेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह, डॉ. एएस नंदा, डॉ. हरीश कुमार वर्मा, एसडीएम राम सिंह, डिप्टी डायरेक्टर सुखम¨हदर सिंह, एसपी बलजीत सिंह भी मौजूद थे।

कुत्तों का शौक सिर चढ़कर बोला

पशुधन चैंपियनशिप में कुत्तों का शौक लोगों के सिर चढ़कर बोला। पहले जहां लोग कुत्ते को रखवाली के लिए पालते थे, अब उसे व्यापार के लिए रखा जाने लगा है। कुत्तों को मुख्य तौर पर सात नसल में बांटा गया है। मेले के दौरान बड़ी संख्या में लोग कुत्ते लेकर पहुंचे। एक ओर जहां हरियाणा के झझर जिले का हरपाल सिंह 40 लाख के बुली कत्ते समेत पहुंचा, वहीं मोगा का बाबा पंकु 10 लाख के गब्बर व धन्नों समेत पहुंचा। इस दौरान ही कुत्तों के फैंसी ड्रेस मुकाबले भी करवाए गए जोकि विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। जिससे लोगों को पर्यावरण की संभाल, भ्रूण हत्या व नशे के खिलाफ जागरुक किया गया। डॉ. कीर्ति दुआ ने बताया कि कुत्ते की नसल उसके शरीर की बनावट व विशेषता पर निर्भर करती है। अलग अलग नसल से कुत्ते अलग अलग कार्य में निपुन माने जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.