सरकारी बैंकों में कैश की किल्लत की बरकरार
कैश लैस बैक के कैश काउंटर - निजी बैंकों में कैश की हालत में सुधारने लगी फोटो संख्या 7 दीपक
कैश लैस बैक के कैश काउंटर
- निजी बैंकों में कैश की हालत में सुधारने लगी
फोटो संख्या 7
दीपक पाल शर्मा, श्री मुक्तसर साहिब
बैंकों व एटीएम में कैश की किल्लत अभी भी बरकरार है। कैश के लिए लोग वीरवार को भी इधर उधर एटीएम व बैंकों में भटकते रहे। नोटबंदी को 23 दिन हो चुके है। लेकिन अभी तक लोग अपने जमा कराए पैसों के लिए दर दर भटक रहे हैं। शादियों का सीजन होने के कारण लोगों को और भी परेशानी आ रही है। अब ज्यादातर कैश की कमी सरकारी बैंकों में देखी जा रही है। जबकि बहुत से प्राइवेट बैंक जैसे एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक व महाराष्ट्रा बैंक में तो लगभग हर रोज अपने ग्राहकों में कैश आवंटित किया जाता है। लेकिन अधिकतर सरकारी बैंकों में कैश की कमी पाई जा रही है। मलोट रोड पर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा तथा अनाज मंडी में उक्त बैंक की शाखा में लोगों को दो दो हजार रुपये देकर खानापूर्ति की जा रही है। केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा में पिछले कई दिन से पैसों की कमी होने के चलते बैंकों के खाताधारक खाली हाथ लौट रहे हैं। शहर के एक दो एटीएम को छोड़कर शेष सभी एटीएम या तो बंद पड़े हैं या फिर उनमें कैश नहीं है।
पिछले करीब एक सप्ताह से मुख्य स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में ही कैश बहुत कम पहुंच रहा है। यही कारण है कि इस बैंक से संबंधित अधिकतर बैंक कैश की कमी से जूझ रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की मुख्य शाखा के प्रबंधक अतुल गुप्ता ने बताया कि लोग संयम से काम नहीं ले रहे। इसलिए च्यादा दिक्कत आ रही है। उधर, अनाज मंडी में ही स्थित एक्सिस बैंक में विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार लगभग हर रोज 35 से 40 लाख रुपये बांटे जाते हैं। इस बैंक में महिलाओं व सीनियर सिटीजन को विशेष सुविधा दी जाती है। जबकि बाकी लोगों के लिए टोकन सिस्टम शुरु किया हुआ हैं। महाराष्ट्रा बैंक में तथा एटीएम में लगभग हर रोज कैश होता है।