अब लाला लाजपत राय की जन्मस्थली डुढीके के डेरे में फहराया खालिस्तान का झंडा, पुलिस सतर्क
मोगा के जिला प्रबंधकीय कॉम्प्लेक्स में खालिस्तानी झंडा फहराने की घटना के बाद रविवार को कुछ लोगों ने लाला लाजपत राय की जन्मस्थली डुढीके के एक डेरे में खालिस्तानी झंडा फहरा दिया।
जेएनएन, मोगा। दो दिन पहले जिला प्रबंधकीय कॉम्प्लेक्स में खालिस्तानी झंडा लगाने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के मामले में पुलिस ने 7-8 लोगों को हिरासत में तो लिया है, लेकिन असल लोगों तक नहीं पहुंच सकी है। इस बीच, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय की जन्मस्थली गांव डुढीके के एक डेरे में राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर कल से विवाद चल रहा था। यहां आज रविवार को कुछ लोगों ने खालिस्तानी झंडा फहरा दिया। निहालसिंह वाला के गांव मानूके व फिरोजपुर रोड हाइवे पर डगरू फाटक के निकट केसरिया झंडे फहराए गए हैं, लेकिन वे खालिस्तान के खंडे नहीं है। पुलिस ने इन घटनाओं के बाद जिले भर में गश्त तेज कर दिया है।
गौरतलब है कि जिला प्रबंधकीय कॉम्प्लेक्स में 14 अगस्त की सुबह सवा आठ बजे तक मोटरसाइकिल पर सवार होकर पहुंचे तीन लोगों ने जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स की पांचवी मंजिल पर खालिस्तान का झंडा फहराने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इस घटना के कुछ देर बाद कनाडा से सोशल मीडिया पर झंडा फहराने व राष्ट्र ध्वज के अपमान का वीडियो भी वायरल कर दिया था।
पुलिस ने आरोपितों की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिए जाने के बावजूद अभी तक कोई भी व्यक्ति घटना के दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। सूत्रों का कहना है पुलिस ने 7-8 लोगों को विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है, लेकिन कोई महत्वपूर्ण सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग सका है।
इस बीच, पता चला है कि डेरा बाबा भगतराम डुढीके में 15 अगस्त को गांव के सरपंच ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर विवाद खड़ा किया था, उनका तर्क था कि डेरे में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश है, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश है वहां धार्मिक ध्वज ही लग सकता है।
इस विवाद के बाद रविवार सुबह वहां पर किसी ने खालिस्तान का ध्वज लगा दिया, सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, काफी देर तक छानबीन की लेकिन पुलिस को कोई सुराह हाथ नहीं लग सका। इससे पहले एक दिन पहले निहालसिंह वाला के गावं मानूके में भी कुछ लोगों ने केसरिया ध्वज लगा दिया था, जिसका लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया था।
बाद में थाना निहालसिंह वाला के थाना प्रभारी ने स्पष्ट कर दिया था कि झंडा खालिस्तान का नहीं है। रविवार को फिरोजपुर रोड पर डगरू फाटक के निकट अधूरे ओवरब्रिज पर किसी ने केसरिया ध्वज लगा दिया था। हालांकि बाद में जांच में पता चला ध्वज खालिस्तान का नहीं था, लेकिन वहां खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे थे। डीएसपी सिटी बरजिंदर सिंह भुल्लर का कहना है कि पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही है, जल्द ही आरोपित गिरफ्तार कर लिए जाएंगे, माहौल किसी भी कीमत पर खराब नहीं होने दिया जाएगा।