ठठीभाई प्राथमिक हेल्थ सेंटर बना 'भूत बंगला'
नवदीप सिंगला, मोगा
कस्बा समालसर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित गांव ठठीभाई व सेखाकलां गांवों की हद पर जंगल में आठ एकड़ जमीन में बना प्राथमिक हेल्थ सेंटर किसी भूत बंगले से कम नहीं है। सन 1956 में बने इस सरकारी अस्पताल पर उस समय लाखों रुपये खर्च किए गए थे, आज यहां बकरी बाजों का कब्जा है। इस अस्पताल में काम करने वाला स्टाफ खौफ व डर के साए में काम करता है। दूसरी ओर यहां पिछले 20 सालों से बिना बिजली के अस्पताल चल रहा है। यहां अक्सर सांप निकलते रहते हैं।
अस्पताल का इमरजेंसी वाला हिस्सा पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है। दरवाजे टूटे हुए हैं। उनको भी दीमक लगी है। बरामदे व कमरे की छत से पपड़ियां बनकर सीमेंट नीचे गिर रहा है।
सेंटर पर तैनात बेअंत सिंह व हरमनदीप कौर ने बताया कि उनको स्लाइड बनाने के लिए बिजली की जरूरत पड़ती है, लेकिन यहां बिजली न होने के चलते मात्र मलेरिया की ही स्लाइड तैयार की जाती है। इसके अलावा उनके पास लैब के लिए कोई कमरा भी नहीं है।
सेंटर में बने एसएमओ, मेडिकल अफसर व फार्मासिस्ट के लिए बने सरकारी क्वार्टरों की हाल इतनी बुरी है कि वहां कोई दिन में भी जाने से डरता है। इन क्वार्टरों के दरवाजे टूटे हुए हैं।
बिल न भरने पर पावरकॉम लेगा मीटर उखाड़
वर्ष 1994-95 में इस अस्पताल का बिजली का बिल 42 से 44 हजार के बीच आने के चलते विभाग ने वजट जारी नहीं किया। जिसके चलते बिजली विभाग इस अस्पताल का मीटर उताकर ले गया। इसके बाद से पिछले 20 सालों से बिना बिजली के काम चलाया जा रहा है। वहीं रोजाना अस्पताल में 25 से 30 मरीजों की ओपीडी होती है। जिनको उनकी बीमारी के हिसाब से दवा देकर भेजा जाता है।
पीपल के पेड़ के नीचे बैठ करते हैं काम
वहां पर काम करने वाले स्टाफ का कहना है कि इस हेल्थ सेंटर में सुविधाओं के अभाव के चलते उनको काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार व सेहत विभाग इस सेंटर कि दशा में सुधार लाए या अस्पताल को कहीं ओर शिफ्ट करे तो अच्छा होता। बिजली की समस्या के चलते वह पीपल व बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर क्लेरिक व दूसरा काम करना पड़ता है। ऐसे में अगर बारिश आ जाए तो उनको भारी परेशानी होती है।
ये हैं अभी अस्पताल में तैनात
प्राथमिक हेल्थ सेंटर में एसएमओ गुरमेल सिंह, डॉक्टर बलविंदर कुमार, डॉक्टर संदीप कौर, फार्मासिस्ट राजविंदर कौर, दो एलटी बेअंत सिंह व हरमनदीप कौर, दो क्लर्क, स्टैनो शामिल हैं। जबकि स्टाफ नर्स की यहां पोस्ट ही नहीं है।
कई बार सूचित करने पर भी नहीं हुआ सुधार
प्राथमिक सेहत केंद्र के एसएमओ डॉ. गुरमेल सिंह का कहना है कि उन्होंने सेहत केंद्र की खस्ताहाल बिल्डिंग तथा सुविधाओं के अभाव के बारे में उच्चधिकारियों को लिखित तौर पर सूचित किया है, लेकिन समाधान नहीं हुआ है।