सप्ताह में दो पीरियड पढ़ाने के मिलते सवा लाख
प्रेम शर्मा, मोगा
एक तरफ जहां कॉलेजों में अध्यापकों के सैकड़ों पद खाली होने पर ठेके पर रखे अध्यापकों को मात्र दस हजार रुपये महीना वेतन दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मोगा के डीएम कॉलेज में एक ऐसा अध्यापक है जो सप्ताह में मात्र दो पीरियड पढ़ाते हैं और सवा लाख रुपये वेतन पाते हैं। उल्लेखनीय है कि मोगा के डीएम कॉलेज ऑफ एजुकेशन में तत्कालीन प्रबंधक कमेटी ने नियमों को ताक पर रख फाइन आर्ट्स विषय के तहत उमेश धीमान की नियुक्ति की है, लेकिन एमए एमएड पास उमेश धीमान द्वारा कॉलेज में प्रेक्टिकल ही करवाए जाते हैं। थ्योरी वर्क नहीं करवाया जाता। कॉलेज में और संबंधित विषय को यह कह कर नहीं पढ़ाया जाता कि उससे उनका कोई लेनादेना नहीं है। बताया जा रहा कि उक्त मामले में यूजीसी तथा पंजाब विश्वविद्यालय को मिली शिकायत पर डीपीआइ कॉलेजज कार्यालय ने कॉलेज प्रबंधन कमेटी को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रिंसिपल ने की सिर्फ दो पीरियड पढ़ाने की पुष्टि
अध्यापक द्वारा सिर्फ दो पीरियड पढ़ाने व प्रेक्टिकल के अतिरिक्त थ्योरी न करवाने की पुष्टि कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुषमा शर्मा ने की है। दूसरी ओर उमेश धीमान ने खुद माना है कि वह सप्ताह में सिर्फ दो पीरियड पढ़ा लगभग सवा लाख रुपये वेतन ले रहे हैं। उनका कहना है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा उन्हें ओर काम नहीं दिया जा रहा। जिसके तहत उनकी अन्य गतिविधियों में ड्यूटी लगाई जा सकती है। यही नहीं वह खुद डीपीआइ को पत्र लिख उनसे अन्य काम करवाने की मांग करेंगे। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय द्वारा सिलेबस तर्क संगत न बनाए जाने के चलते 1990 से पूर्व में नियुक्त फाइन आर्ट्स के अध्यापक कम पढ़ाने को मजबूर है।
मामले की जांच करवाएंगे: गोयल
जबकि डीएम कॉलेज प्रबंधन कमेटी के उप प्रधान योगेश गोयल का कहना है कि अगर डीपीआइ ने इस मामले में प्रबंधक कमेटी को कार्रवाई करने का अधिकार दिया है तो वह मामले की जांच करवाएंगे।