सरपंच ने प्रशासक को किया कटघरे में खड़ा
संवाद सहयोगी, मोगा
गांव बहोना में मंगलवार को ग्राम पंचायत प्रबंधक की ओर से विरोधी पक्ष के कहने पर विकास कार्य की अनदेखी करने पर विवाद खड़ा हो गया। प्रबंधक पर आरोप है कि उसने विरोधियों के कहने पर गलियों नालियों के निर्माण कार्य में घटिया ईटें लगाई हैं। इसको लेकर गांव में तनाव का माहौल बन गया। मामला डीसी के ध्यान में आने पर उन्होंने डीडीपीओ को काम बंद करवाने की हिदायत दे दी। इस संबंध में गांव बहोना के सरपंच हरभजन सिंह, जसविंदर कौर, बलजीत कौर, परमजीत कौर, सुखदेव सिंह, कामरेड सुखदीप सिंह व बिंदर सिंह ने कहा कि गांव में चल रहे विकास कार्यो को लेकर लगाया गया प्रबंधक विरोधी पक्ष के कहने पर नियमों के अनुरूप घटिया मटीरियल का प्रयोग कर रहा है। ऐसे में गलियों नालियों का विकास कार्य में जो ईटे लगाई जा रही है उनकी क्वालिटी ठीक न होने के साथ कच्ची व टूटी हुई हैं। वहीं गलियों का स्तर ठीक न कर बिना लेबल के ही निर्माण कार्य को किया जा रहा है, जिससे बारिश का पानी तो बाहर निकालना दूर घरों का पानी भी नालियों में नहीं जा पाएगा। उनका कहना है कि जब इस मामले को लेकर उन्होंने काम करवा रहे प्रबंधक को अवगत करवाया तो प्रबंधक ने कहा कि उसे तो ऐसा ही काम करवाना है। दलित पक्ष का आरोप है कि गांव में जब जब दलित समुदाय के सरपंच को चुना गया है तब ही उनके साथ धक्केशाही की गई। जिसका विरोध करने पर विरोध पक्ष द्वारा उनपर झूठे मामले भी दर्ज करवाए गए।
नियम विरुद्ध काम करने का किसी को अधिकार नहीं: डीसी
इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर परमिंदर सिंह का कहना है कि किसी को भी नियमों के विपरीत कार्य करवाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने डीडीपीओ को तुरंत काम बंद करवाने की हिदायत दी है।
मैने सही काम किया है: प्रबंधक
मौके पर कार्य करवा रहे पंचायत प्रबंधक दया सिंह का कहना है कि उन्होंने कोई अनदेखी नहीं की है। उनका कहना है गांव में दो लाख 51 हजार की राशि से विकास कार्य करवा जा रहे हैं। अगर दूसरे पक्ष को मटीरीयल से कोई शिकायत है तो वह उसे बदल कर अच्छी ईटों को लगवा देंगे।