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उत्तराखंड सरकार को तब आई अपनों की याद जब घर पहुंच चुके लोग, खाली लौटी तीन बसें

उत्तराखंड सरकार ने अपने लोगों को लुधियाना से वापस ले जाने के लिए बसें भेजी लेकिन सरकार ने बसें भेजने में बहुत देर कर दी। बसें तब आई जब अधिकांश लोग लौट चुके हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 09:00 AM (IST)
उत्तराखंड सरकार को तब आई अपनों की याद जब घर पहुंच चुके लोग, खाली लौटी तीन बसें
उत्तराखंड सरकार को तब आई अपनों की याद जब घर पहुंच चुके लोग, खाली लौटी तीन बसें

लुधियाना [राजेश भट्ट]। प्रशासन एक माह से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व अन्य राज्यों के लोगों को ट्रेन से वहां की सरकारों के साथ मिलकर उनके गृह प्रदेश भेजता रहा। उत्तराखंड जाने के लिए भी सात हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन वहां की सरकार लुधियाना में रह रहे अपने लोगों की सुध लेना भूल गई। इंतजार करते-करते लोग स्वयं ही टैक्सी व अन्य वाहन बुक कर उत्तराखंड लौट गए। एक माह बाद देहरादून से आठ बसें आईं, लेकिन सिर्फ 144 लोग ही घर जाने के लिए मिले।

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उत्तराखंड जाने के लिए लुधियाना से सात हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। वे कई दिन इस उम्मीद में बैठे रहे कि उत्तराखंड सरकार उनकी सुध लेगी। दिन बीतने के साथ लोगों की उम्मीद भी टूटने लगी। प्रदेश में दिन में कर्फ्यू हटा तो लोगों ने खुद ही टैक्सी बुक की और घर चले गए। उत्तराखंड सरकार को अपने लोगों की एक महीने बाद याद आई और जिला प्रशासन को शुक्रवार को यह जानकारी दी कि उत्तराखंड के लोगों को ले जाने के लिए आठ बसें भेजी जा रही हैं। इस पर प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों को मैसेज किए।

गत दिवस गिल रोड स्थित आइटीआइ कॉलेज में उत्तराखंड रोडवेज की आठ बसें पहुंच गईं। जब लोग नहीं आए तो प्रशासन ने स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों को सूचियां देकर फोन करने को कहा। जब स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों ने फोन किए तो उन्हें एक ही जवाब मिला कि वह टैक्सी बुक कर गांव पहुंच चुके हैं। तमाम कोशिशें करने के बाद देर शाम तक प्रशासन पांच बसों के लिए सवारियां जुटा पाया। तीन बसें खाली रहीं। देर शाम करीब छह बजे यह बसें तीन-चार सवारियां लेकर ही देहरादून रवाना हुईं। आठ बसों में 144 लोग ही लुधियाना से देहरादून गए।

संगठन बोले, सरकार पहले बसें भेजती तो लोग परेशान न होते

गढ़वाल भ्रातृ मंडल के प्रधान कुंदन सिंह, महासचिव मनोज शास्त्री, गढ़वाल जनकल्याण सभा के प्रधान जेपी भट्ट, राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा के प्रधान कुलदीप नेगी व उत्तराखंड कुमाऊं विकास परिषद के महासचिव शिव सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार समय पर बसें भेजती तो लोगों को अधिक पैसे खर्च नहीं करने पड़ते और न ही परेशान होना पड़ता। कुलदीप नेगी ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने स्थानीय प्रशासन को अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर ज्ञापन दिया था। इस कारण अब सिर्फ 144 लोग ही बसों में रवाना हुए।


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