नशे में जकड़े पंजाब में अब क्लास में गुरुजी पढ़ाएंगे नशा विरोधी चैप्टर
पंजाब में चल रहे नशा विरोधी अभियान के बाद पीएसईबी ने 12वीं कक्षा के वातावरण शिक्षा के सिलेबस में नया चैप्टर शामिल किया है।
लुधियाना [राजेश भट्ट]। पंजाब में नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। बावजूद इसके रोजाना राज्य में नशे की वजह से मौतें हो रही हैं। सरकार जागरूकता अभियान चला चुकी है, लेकिन इसके नतीजे भी सामने नहीं आए। सरकार ने अब नशा विरोधी पाठ पढ़ाने की जिम्मेदारी 'गुरुजी' को सौंप दी है।
युवाओं को अब क्लास में नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा। यही नहीं, विद्यार्थियों को नशे का कारोबार करने पर होने वाली सजा से भी अवगत कराया जाएगा। विभाग ने यह नया चैप्टर किताब प्रिंट होने के बाद सिलेबस में जोड़ा है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को हिदायतें दी हैं कि वह ई बुक्स पोर्टल से इस चैप्टर को लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाएं।
राज्य में चल रहे नशा विरोधी अभियान के बाद पीएसईबी ने 12वीं कक्षा के वातावरण शिक्षा के सिलेबस में नया चैप्टर शामिल किया है। इस चैप्टर में 9 तरह के नशे का जिक्र किया गया है, जिसमें नशे से शरीर पर होने वाले नुकसान का भी विस्तार से वर्णन किया गया है। उसके बाद इसी चैप्टर में नशा तस्करी में पकड़े जाने पर किस तरह की सजाएं हो सकती हैं, का जिक्र भी है। विद्यार्थियों को यह भी पढ़ाया जाएगा कि नशे की वजह से उनके सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है।
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नशा किया तो नौकरी जाएगी
सिलेबस में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा कि अगर उन्होंने नशा किया तो पढ़ाई करने के बाद वह जो नौकरी हासिल करेंगे, वह भी चली जाएगी क्योंकि नशे के कारण मालिक नौकरी से निकाल देते हैं और वह बेरोजगार हो जाता है। अगर विद्यार्थी नशा करते हैं तो वह सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाएंगे और फेल हो जाएंगे।
सिलेबस के मुताबिक नशे से शरीर को पहुंचेगा यह नुकसान
एल्कोहल | केंद्रीय तंतु प्रणाली को कमजोर करता है। लीवर को खराब कर देता है |
अफीम, हेरोइन, मॉर्फिन | आंखें खराब होती हैं। सांस फूलने लगती है और दिल की बीमारी लग जाती है |
गांजा, भांग, चरस | स्मरण शक्ति खत्म करने के साथ बीपी व अन्य बीमारियां लग जाती हैं |
कोकीन | बीपी हाई, हार्ट अटैक, स्ट्रेस |
कैफीन | डिप्रेशन, दिमाग से संबंधित रोग |
सिंथेटिक ड्रग्स | ब्रैन हैमरेज, खून की नसों का फटना |
तंबाकू | कैंसर, हार्ट प्रॉब्लम |
थिनर | दिल, लीवर व किडनी को खत्म कर देते हैं |
बच्चे होंगे जागरूक: प्रिंसिपल संजीव थापर
सरकारी मॉडल सीनियर सेकंडरी स्कूल पीएयू के प्रिंसिपल संजीव थापर का कहना है कि विभाग की तरफ से यह अच्छी पहल है। 12वीं कक्षा के बाद विद्यार्थी घर से बाहर निकलते हैं। यही उम्र होती है जब वह नशे के चंगुल में फंसते हैं। अगर उन्हें जागरूक कर दिया जाए तो उन्हें नशे के चंगुल से बचाया जा सकता है।
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पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रवक्ता कोमल सिंह का कहना है कि ईवीएस के सिलेबस में नशे के दुष्प्रभाव का चैप्टर जोड़ा गया है। इसे बोर्ड की साइट पर ई-बुक्स पोर्टल में डाला गया है। विद्यार्थी और टीचर्स वहां से सिलेबस डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।