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जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

आशा मेहता, लुधियाना जीका वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। इस वायरस की मौजूदगी के शुरुआती प्रमा

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:01 AM (IST)
जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

आशा मेहता, लुधियाना

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जीका वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। इस वायरस की मौजूदगी के शुरुआती प्रमाण गुजरात के अहमदाबाद में मिले हैं। डब्ल्यूएचओ ने तीन लोगों के जीका वायरस की चपेट में आने की पुष्टि भी कर दी है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।

सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्टों को रविवार शाम वाट्स एप ग्रुप पर जरूरी तैयारिया करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्टों को जारी निर्देशों में कहा है कि वह निजी व सरकारी अस्पतालों पर पूरी नजर रखें और देखें कि किसी अस्पताल में माइक्रोसेफली (छोटे सिर वाले बच्चे) बीमारी से ग्रस्त शिशु का जन्म तो नहीं हुआ। जीका वायरस से निपटने को लेकर इसी सप्ताह मीटिंग भी की जाएगी। स्टेट एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ गगनदीप ग्रोवर ने कहा कि एयरपोर्ट पर बहुत पहले ही जीका वायरस से प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जाच करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं। दोबारा गाइडलाइन जारी करेंगे। जीका वायरस से निपटने के लिए सर्विलांस टीमें बनाई जाएंगी। कई अन्य कदम मीटिंग के बाद उठाए जाएंगे।

क्या है जीका वायरस

डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ रमेश कुमार ने बताया कि जीका वायरस एडिज एजिप्ट मच्छर से फैलता है। यही मच्छर डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैलाता है। जीका वायरस का सबसे अधिक हमला गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु व नवजात पर होता है। इस वायरस की चपेट में आने वाले शिशु को माइक्रोसेफली बीमारी हो जाती है। माइक्रोसेफली एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें बच्चे का सिर छोटा रह जाता है।

ऐसे बचें जीका वायरस से

डॉ रमेश के अनुसार मच्छरों को खत्म करके वायरस के खतरे से बचा जा सकता है।

-मच्छर पैदा न हों इसके लिए अपने घर के आसपास सफाई रखें। घर के अंदर व बाहर किसी भी जगह पर पानी जमा न होने दें।

-कहीं भी लीकेज की समस्या हो उसे तुरंत दूर करें क्योंकि लीकेज वाली जगहों पर पानी जमा होने से मच्छरों का लारवा पैदा होता है।

-छतों पर किसी तरह का कबाड़ न रखें। मच्छरदानी व मच्छरों से बचाव वाली क्रीमें इस्तेमाल करें। सप्ताह में एक दिन कूलर को साफ करके उसे सुखाएं।


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