सीआइए में युवक ने चाकू से गर्दन काटी, मौत
जागरण संवाददाता, लुधियाना : चोरी के आरोप गिरफ्तार किए युवक ने शनिवार की रात सीआइए स्टाफ में चाकू
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
चोरी के आरोप गिरफ्तार किए युवक ने शनिवार की रात सीआइए स्टाफ में चाकू से अपनी गर्दन काट ली। उसे गंभीर हालत में डीएमसी अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस संबंध में एडीसीपी 2 संदीप गर्ग ने स्वीकार किया कि युवक ने सब्जी काटने वाले चाकू से अपनी गर्दन पर वार किया था। बताया जाता है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और कुछ पुलिस कर्मियों पर ड्यूटी में कोताही बरतने के कारण गाज गिर सकती है।
शनिवार की सुबह सीआइए पुलिस ने डाबा स्थित बसंत नगर निवासी गुरजीत सिंह उर्फ विक्की को पड़ोसी के घर से एक लाख 5 हजार रुपये चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे पूछताछ के लिए सीआइए स्टाफ ले जाया गया। बताया जा रहा है कि सीआइए ने युवक से पूछताछ के दौरान विक्की की पिटाई की, जिससे वह बुरी तरह डर गया और रात को जब उसे खाना खिलाने के लिए कमरे में ले जाया गया तो वहां सब्जी काटने के लिए रखे एक चाकू पर उसकी नजर गई। उसने सीआइए स्टाफ से नजर बचाकर चाकू उठाया और अपनी गर्दन पर वार करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह लहूलुहान होकर गिर गया। अचानक हुई इस घटना से सीआइए पुलिस सकते में आ गई। उन्होंने तत्काल उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी और विक्की को डीएमसी अस्पताल पहुंचाया। डाक्टरों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन ज्यादा खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी अस्पताल पहुंचे और मौके पर मौजूद सीआइए स्टाफ से विस्तृत जानकारी ली। समाचार लिखे जाने तक आरोपी का शव डीएमसी अस्पताल में ही रखा गया था और उसके रिश्तेदारों को घटना की जानकारी दी जा रही थी।
पड़ोसी के एक लाख रुपये चुराने का था आरोप : एसीपी वढेरा
एसीपी संदीप वढेरा ने बताया कि आरोपी गुरजीत को शनिवार सुबह थाना डाबा की पुलिस ने एक लाख 5 हजार की नगदी चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए सीआइए भेजा था। आरोप है कि विक्की ने पड़ोसी की ओर से अपनी बेटी के दाखिले के लिए इकट्ठी की गई एक लाख 5 हजार की नगदी चोरी की थी। डाबा पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफतार किया था।
पहले भी सजा भुगत चुका था आरोपी
इससे पहले भी आरोपी के खिलाफ चोरी के कई मामले दर्ज थे और अदालत ने उसे सजायाफ्ता करार कर दिया था। निजी मुचलका न भरने के कारण अदालत ने संज्ञान लेते हुए सजा अधिक भुगतने के कारण उसे रिहा करने के आदेश दिए थे।