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सरकार की तरफ से लैंडिंग सर्टिफिकेट को हटाना प्रशसनीय

जागरण संवाददाता, लुधियाना : फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशस (फियो) के अध्यक्ष एससी रल्हन

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 06:19 PM (IST)
सरकार की तरफ से लैंडिंग सर्टिफिकेट को हटाना प्रशसनीय

जागरण संवाददाता, लुधियाना :

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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशस (फियो) के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा है कि वर्तमान में निर्यात में लगातार गिरावट के माहौल में हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से 2787 टैरिफ लाइन के लिए अतिरिक्त बाजार को मर्चेडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) के तहत जोड़ा जाना स्वागत योग्य कदम है।

रल्हन ने कहा कि फियो लैंडिंग सर्टिफिकेट के मामले को सरकार के समक्ष नियमित रूप से उठा रहा था। एमईआइएस के तहत हर प्रकार के दावे के लिए इस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है और इसके लिए निर्यातकों को शिपिंग कंपनीज को प्रति शिपिंग बिल 2000 रुपये चुकाने पड़ते हैं। फियो के अनुमान के मुताबिक निर्यातक लैंडिंग सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए प्रतिवर्ष 700 करोड़ रुपये का भुगतान करते हैं। 2787 टैरिफ लाइन के लिए अतिरिक्त बाजार को जोड़कर सरकार ने इन आइटम के मद में एमईआइएस के लाभ दायरे को बढ़ा दिया है जो हर ग्रुप के देश ए, बी व सी के लिए लागू होगा। इस कदम से निर्यातकों को 2787 आइटम के लिए एमईआइएस के तहत लाभ का दावा करने के लिए लैंडिंग सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। यह निर्यातकों के लिए बड़ी राहत मिलेगी और इससे निर्यातक समूह का ट्राजेक्शन लागत व समय की काफी बचत होगी। एमईआइएस की घोषणा के बाद चौथी बार यह बदलाव किया गया है। गत बदलाव अक्टूबर के दौरान किया गया था, जिसके तहत 100 टैरिफ लाइंस को जोड़ा गया था और 2228 टैरिफ लाइंस के दरों में संशोधन किया गया था। फियो प्रमुख ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से निर्यातकों का ध्यान रखा जाना सचमुच काफी उत्साहजनक है।


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