..तो यहां भी फैल सकता है गैस्ट्रो-डायरिया
आशा मेहता,लुधियाना ताजपुर रोड स्थित बाबा जीवन सिंह नगर और प्रीत नगर में नलों से सप्लाई हुए दूषित प
आशा मेहता,लुधियाना
ताजपुर रोड स्थित बाबा जीवन सिंह नगर और प्रीत नगर में नलों से सप्लाई हुए दूषित पेयजल ने गैस्ट्रो व डायरिया के रूप में जिस तरह तीन जिंदगियां लील लीं और दो सौ के करीब लोगों को अपनी चपेट में लिया। इसके बाद से नगर निगम,सेहत विभाग व जनप्रतिनिधियों की नींद उड़ी हुई है। पिछले चार दिनों से उक्त दोनों इलाकों में बीमारी से बचाव के तमाम इंतजाम किए जा रहे है, लेकिन इनके अलावा भी शहर में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे और इलाके हैं, जहां नगर निगम की लापरवाही व स्थानीय पार्षदों की अनदेखी के कारण गंदी नालियों व सीवरेज के बीच से जर्जर हो चुकी पेयजल आपूर्ति की पाइपों के गुजरने से कभी भी गैस्ट्रों व डायरिया फैल सकता है। दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार को इन इलाकों का दौरा किया।
न्यू पुनीत नगर व पुनीत नगर में फैल सकती है बीमारी
ताजपुर रोड के बाबा जीवन सिंह नगर व प्रीत नगर के मेन सड़क की दूसरी और स्थित न्यू पुनीत नगर व पुनीत नगर में पेयजल आपूर्ति की पाइपें लोगों द्वारा गंदे पानी के लिए खोदी गई छोटी हौदियों के बीच से गुजर रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार इलाके में सीवरेज के कनेक्शन कुछ घरों के पास ही हैं, जबकि, एक बड़े तबके द्वारा मजबूरी में गंदे पानी की निकासी के लिए गलियों में ईट से छोटी व बड़ी हौदियां बनाई गई हैं, जिसके बीच से ही पाइपें गुजरती हैं। लोगों के अनुसार दूषित पेयजल की समस्या यहां भी है और कई लोग बीमार भी हैं। यहां न तो पार्षद ने कभी आकर देखा और न ही सेहत विभाग के कर्मचारी आए।
प्रेम नगर : कभी भी फैल सकती है बीमारी
ढंडारी खुर्द स्थित प्रेम नगर की नालियां गंदे पानी व कीचड़ से भरी पड़ी है और इनके बीच से ही पेयजल आपूर्ति की पाइपें गुजर रही हैं। इलाका निवासियों ने बताया कि महीनों से नालियों की सफाई नहीं हुई। बारिश के दिनों में नालियों की गंदगी गलियों में भर जाती है, जिससे हर तरफ भयंकर बदबू फैल जाती है। इलाके के लोगों का आरोप था कि नगर निगम व स्थानीय पार्षद को कई बार शिकायत के बाद भी यहां रहने वाले लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।
दुर्गा कॉलोनी के वेहड़ों में बीमारियां बना रहीं घर
ढंडारी खुर्द स्थित दुर्गा कॉलोनी के वेहड़ों के अंदर ही हालत काफी दयनीय है। कई वेहड़ों के अंदर गंदे पानी की निकासी के लिए ही नालियां बनाई गई हैं। नालियों में मच्छरों व कीटाणुओं के बीच से ही पेयजल आपूर्ति की पाइप निकाल रखी हैं, जिससे वहां रहने वाले लोग घातक बीमारी की चपेट में आ सकते है। हालांकि, इलाके में सीवरेज व्यवस्था है, लेकिन ज्यादातर हिस्सों में सीवरेज ब्लॉक होने के कारण नालियों के जरिये गंदे पानी की निकासी की जा रही है।
शेरपुर में भी दांव पर लोगों की सेहत
शेरपुर में ज्यादातर घरों की पेयजल आपूर्ति पाइपें गंदगी से भरी पड़ी नालियों के बीच से निकल रही हैं, जो सीधे-सीधे बीमारी को न्योता दे रही है। इस इलाके में पिछले कुछ वर्षो में डायरिया व गैस्ट्रो भी फैल चुका है। इसके बाद भी नगर निगम व स्थानीय पार्षद कोई ठोस कदम उठाने की बजाए,लोगों के जीवन को खतरे में डाले हुए है।
जगजीत कॉलोनी : घरों से निकले गंदे पानी व बारिश से गलियां बनीं तालाब
ढंडारी की जगजीत कॉलोनी की कई गलियों ने तालाब का रूप ले रखा है। कारण, पिछले दो महीने से सीवरेज बंद होना। लोगों ने बताया कि स्थानीय पार्षद व नगर निगम कार्यालय में कई बार शिकायत की गई। लेकिन,अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
ताजपुर रोड विजय नगर : गंदगी के बीच प्लास्टिक की पाइपों से पेयजल सप्लाई
वार्ड नंबर नंबर सात में पड़ते विजय नगर की गई गलियों में प्लास्टिक की पाइपों से सप्लाई की जा रही है। ये पाइपें नालियों के बीच से गुजर रही है। इलाके के लोगों के अनुसार नालियों की कई-कई महीने सफाई नहीं होती। वहीं, कई सीवरेज भी जाम रहता है। नगर निगम व पार्षद को कई बार लिखित में शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों का कहना था कि विजय नगर में हर घर में उल्टी- दस्त का मरीज मिल जाएगा।
नालियों से गुजरने वाली पेयजल आपूर्ति की पाइपों के कनेक्शन कटेंगे
इस संबंध में ओएंडएम सेल के सुपरिंटेडेंट इंजीनियर कम जोनल कमिश्नर कमलेश बांसल ने कहा कि जिस भी इलाके में नालियों के बीच से पेयजल आपूर्ति की पाइपें गुजर रही होंगी, उसके कनेक्शन काटे जाएंगे। सीवरेज जाम की समस्या को देखने के लिए वह खुद राउंड लगाएंगे।
लोगों को जागरूक करने के लिए बनाई हैं टीमें
डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ.रमेश कुमार का कहना है कि शहर के जिस भी इलाके नालियों और खाली प्लाटों में पानी जमा होने की शिकायत मिलती है,वहां एएनएम व आशा वर्करों द्वारा घरों का सर्वे किया जाता है। सर्वे के दौरान लोगों को दूषित पेयजल व मच्छरों से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है। अगर कहीं दूषित पेयजल की शिकायत आती है,तो सेहत विभाग द्वारा सैंपल भरा जाता है और सैंपल रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन,नगर निगम व इलाका पार्षद को सूचित कर दिया जाता है।