10 रुपये में लगेगी एंटी रैबीज इंजेक्शन की एक डोज
जासं, लुधियाना कुत्तों का शिकार बने लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें एंटी रेबीज के इंजेक्शन
जासं, लुधियाना
कुत्तों का शिकार बने लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें एंटी रेबीज के इंजेक्शन के लिए जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी होगी, क्योंकि सिविल अस्पताल में जुलाई से एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए हर डोज पर मात्र 10 रुपये देने होंगे।
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हर बार नहीं लेनी होगी ओपीडी स्लिप
कुत्तों द्वारा काटे गए मरीजों को अब हर बार एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए नई ओपीडी स्लिप नहीं लेनी पड़ेगी। केवल एक बार 10 रुपये की ओपीडी स्लिप कटवाने के बाद 10 रुपये के हिसाब से एंटी रैबीज के पांच इंजेक्शनों का कोर्स पूरा करने के लिए कुल 60 रुपये देने होंगे। जबकि, जून तक डॉग बाइट के मरीजों को हर बार 10 रुपये की नई ओपीडी स्लिप के साथ-साथ इंजेक्शन के लिए 10 रुपये का शुल्क अदा करना पड़ता था। इससे उन्हें कुल 100 रुपये देने पड़ते थे।
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मई में फ्री वैक्सीनेशन बंद कर लिए जा रहे थे 20 रुपये
गौर हो कि सिविल अस्पताल में मार्च तक डॉग बाइट के शिकार होने वाले मरीजों को 10 रुपये की ओपीडी स्लिप कटवाने के बाद निश्शुल्क में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए जाते थे। उस दौरान एंटी रैबीज इंजेक्शन की एक डोज दो रुपये में पड़ती थी, लेकिन मई में विभाग ने अचानक ही सरकारी अस्पतालों में एक माह तक एंटी रैबीज के इंजेक्शन की सप्लाई बंद कर दी। विभाग को आशंका थी कि राज्य भर में एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस संदेह की वजह वर्ष 2014 में एंटी रैबीज इंजेक्शनों की खपत में बेतहाशा वृद्धि बताई गई। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2011 से 2013 तक प्रत्येक वर्ष पूरे पंजाब में एंटी रैबीज वैक्सीन की करीब एक लाख डोज लगती थी, लेकिन वर्ष 2014 में यह ढाई गुणा बढ़कर 2.40 लाख तक पहुंच गई। इस तरह एकाएक बढ़ी एंटी रैबीज की खपत में विभागीय अधिकारियों को फर्जीवाड़े की गंध महसूस हुई तो विभाग ने एक माह तक एंटी रैबीज वैक्सीन की सप्लाई सरकारी अस्पतालों में बंद कर दी और तीन टीमें बनाकर जांच बिठा दी। हालांकि, जांच के दौरान लुधियाना में कहीं भी फर्जीवाड़ा होने की पुष्टि नहीं हो पाई।
उधर, सरकारी अस्पतालों में जब एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध न होने पर आम जन में रोष बढ़ने लगा तो स्वास्थ्य विभाग ने 10 जून से एंटी रैबीज वैक्सीन की सप्लई तो की। किंतु, वैक्सीन निश्शुल्क उपलब्ध न करवाकर ओपीडी स्लिप सहित हर डोज के लिए 20 रुपये वसूलने शुरू कर दिए थे।
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मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए उठाया कदम : सिविल सर्जन
इस संबंधी सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. परविंदरपाल सिद्धू ने कहा कि गर्मियों में डॉग बाइट के मरीज काफी बढ़ गए हैं। रोजाना करीब 40 डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। ऐसे में सिविल सर्जन डॉ. रेनु छतवाल ने गरीब मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए हर बार नई ओपीडी स्लिप बनवाने की अनिवार्यता को खत्म कर दी है।