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शहर से बाहर के संस्थान भी टैक्स के जाल में

कुलजिंदर सिंह, लुधियाना : कंगाली के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार राजस्व के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपन

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 11:21 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 11:21 PM (IST)
शहर से बाहर के संस्थान भी टैक्स के जाल में

कुलजिंदर सिंह, लुधियाना : कंगाली के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार राजस्व के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही। इस बार सरकार ने पंजाब इंस्टीट्यूशंस एंड अदर बिल्डिंग एक्ट 2010 को हथियार बनाया है। इसके तहत नगर निगम की सीमा से बाहर स्थित औद्योगिक और व्यापारिक संस्थानों को टैक्स जमा करने का निर्देश दिया गया है। सरकारी गोदाम, मकान व शिक्षण संस्थानों पर यह एक्ट लागू नहीं होगा। 500 वर्ग गज से बड़े संस्थानों को एक रुपया प्रतिवर्ग फुट के हिसाब से वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 के लिए टैक्स जमा कराना होगा। इसे वसूलने का जिम्मा आबकारी व कराधान विभाग को सौंपा गया है। विभाग की ओर से संस्थान के मालिकों को भेजे जा रहे नोटिस में

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टैक्स जमा कराने के बाद विभाग को रसीद दिखाने के भी कहा गया है।

इस संबंध में पंजाब स्पिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमएम व्यास ने कहा कि सरकार ने दो वर्ष पूर्व भी इस एक्ट को लागू किया था, लेकिन कोर्ट में चुनौती देने और लोगों में विरोध को देखते हुए सरकार ने इसे वापस ले लिया था। उद्यमियों व अन्य

लोगों ने शहर से बाहर अपने खर्च पर मूलभूत ढांचा विकसित किया है। सरकार

की ओर से कोई सुविधा प्रदान नहीं की

गई। ऐसे में सरकार किस आधार पर टैक्स की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात कर इस टैक्स को हटाने की मांग करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि 30 अक्टूबर को आबकारी व कराधान विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में टैक्स को जमा कराने और विभाग को रसीद दिखाने की तारीख भी 30 अक्टूबर उल्लिखित है।


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