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जननी को माता कौशल्या के 'आशीर्वाद' का इंतजार

आशा मेहता,लुधियाना सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी केसों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2011 में माता कौ

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 06:25 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 06:25 PM (IST)

आशा मेहता,लुधियाना

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सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी केसों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2011 में माता कौशल्या योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत जो भी गर्भवती महिला सरकारी अस्पताल में प्रसव करवाती है, उसे सेहत विभाग एक हजार का चेक देता है। सिविल अस्पताल में उक्त योजना के तहत बजट न आने के कारण अक्टूबर में एक भी महिला को लाभ नहीं मिला। सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में 30 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक 490 डिलीवरी केस निपटाए जा चुके हैं।

सिर्फ दिए जा रहे आश्वासन

सिविल अस्पताल में रोजाना पंद्रह के करीब डिलीवरी होती है। डिलीवरी के बाद हर महिला को यही कह अस्पताल से छुंट्टी दी जा रही है कि जब बजट आएगा तो उन्हें सरकारी सहायता दे दी जाएगी। पिछले एक महीने से लाभार्थियों को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे है और एसएमओ सहित दूसरे अधिकारी केवल आश्वासन ही दे रहे है। वीरवार को भी अस्पताल में 20 से अधिक महिलाएं अपने परिवार सहित चेक लेने के लिए पहुंचीं। इनमें से जोधां की विकलांग कर्मजीत कौर ने बताया कि 10 अक्टूबर को उसने बड़े ऑपरेशन से बेटी को जन्म दिया। तब से लेकर अब तक वह चार बार चेक के लिए चक्कर लगा चुकी है और हर बार लेबर रूम इंचार्ज द्वारा बजट न होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है।

सीनियर अधिकारियों को लिख दिया है

'अभी तक 500 के आसपास डिलीवरी केस हो चुके हैं। इसके लिए पांच लाख का बजट चाहिए। लंबे समय से उक्त योजना के तहत बजट नहीं आया। इसलिए लाभार्थियों को सहायता राशि नहीं दी जा रही है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा जा चुका है। जैसे ही बजट आएगा महिलाओं को सहायता देनी शुरू कर दी जाएगी।'

-आरके करकरे, एसएमओ, सिविल अस्पताल।

बजट कब आएगा पता नहीं

'बजट न होने संबंधी सरकार को लिखा जा चुका है। बजट कब आएगा, इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते हैं।' -डॉ. करणजीत सिंह, निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।


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