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बारिश से खरबूजे का मिजाज हुआ खराब

By Edited By: Published: Sun, 20 Apr 2014 01:57 AM (IST)Updated: Sun, 20 Apr 2014 01:57 AM (IST)
बारिश से खरबूजे का मिजाज हुआ खराब

जागरण संवाददाता, कपूरथला :

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शनिवार की रात भर रुक-रुक कर हुई तेज बारिश से गेहूं की फसल तो खेतों में बिछ ही गई, खरबूजे की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। गेहूं, खरबूजा, घिया, करेला व टमाटर आदि की खेती करने वाले किसान फसल पर पूरा खर्चा कर चुके हैं, जिससे उन्हें दोहरे नुकसान का डर सताने लगा है। इस बरसात की वजह से कनक की जर्मीनेशन प्रभावित होने के सवाल पर केंद्रीय खोज केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. ओंकार सिंह का कहना है कि बरसात के उपरांत अगर धूप खिल जाती है तो कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे कनक का उत्पादन जरूर प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि अगर 3-4 दिन बरसात हो और धूप न लगे तो फिर जर्मीनेशन प्रभावित हो सकती है। उन्होंने बताया कि शनिवार रात को क्षेत्र में 73 मिलीमीटर बरसात हुई है, जबकि साइंस सिटी में 60 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। डॉ. ओंकार सिंह का कहना है कि बारिश के कारण खरबूजा, तरबूज व बेल वाली अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।

इस बारे में बरिंदपुर के किसान इच्छा सिंह ढोट ने बताया कि उनके खेतों में खरबूजे और तरबूज की फसल लगी हुई हैं। बारिश के साथ तेज हवाएं चलने के कारण फसल की बेल एकत्र हो गई हैं। फसल वाले खेतों में पानी भर गया, जिसके कारण फसल को नुक्सान हुआ हैं। उधर सब्जियों की खेती करने वाले किसान जसपाल सिंह और कश्मीर सिंह ने बताया कि बारिश से हरी मिर्च, भिंडी, टमाटर, शिमला व अन्य ऐसी सब्जियों के फूल झड़ गए हैं।

आलू की फसल भी होगी प्रभावित

किसानों के खेतों में लगी आलू की फसल को भी बेमौसमी बारिश ने बड़ा नुक्सान पहुंचाया हैं। रेशम सिंह और सुरजीत सिंह बरिंदपुर ने बताया कि बारिश के कारण उनके खेतों में लगी बहार ऋतु के आलू की फसल में पानी भर गया हैं। इस कारण फसल की खुदाई करीब दस दिनों के लिए रुक गई हैं। उन्होंने बताया कि वह जेसीबी मशीन की सहायता आलू की फसल वाले खेतों में बांध और गढ्डे बनाकर पानी बाहर निकाल रहे हैं।

बीती रात हुई बारिश के कारण जहां किसानों के खेतों में पानी भर जाने के कारण गेहूं की फसल की कटाई का काम दस दिन के लिए रुक गया है, वहीं बारिश और आंधी के कारण जिन खेतों में गेहूं की फसल गिर गई हैं, उसकी कटाई करने के लिए ज्यादा मेहनत श्रम की जरूरत पड़ेगी। किसानों ने बताया कि कम्बाइन से कटाई करने का रेट प्रति एकड़ 1000 रुपये चल रहा हैं और गिरी फसल का बढ़ कर 1500 रुपये तक पहुंच सकता है। उधर हाथ से कटाई करने वाले कृषि मजूदर प्रति एकड़ करीब 2500 रुपये ले रहे हैं और उनका रेट भी बढ़ सकता है।

बारिश से गुणवत्ता हो सकती है प्रभावित : डॉ मनोहर

इस संबंध में मुख्य कृषि अफसर डा. मनोहर सिंह का कहना हैं कि कपूरथला जिलें में इस बार एक लाख 9 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण फसल को नुक्सान हुआ और गेहूँ के दाने की गुणवता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।


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