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पंजाब में छह कर्मियों को मृत बता दूसरों को नौकरी पर रखने के मामले में बड़ी कार्रवाई, पांच अधिकारी सस्पेंड

पंजाब में मीयांविंड अस्पताल में छह कर्मचारियों को मृत बताकर किसी अन्य को नौकरी पर रखने के मामले में मंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में एसएमओ सुपरिंटेंडेंट समेत पांच अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। सेवानिवृत्ति सिविल सर्जन पर भी कार्रवाई होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:43 PM (IST)
पंजाब में छह कर्मियों को मृत बता दूसरों को नौकरी पर रखने के मामले में बड़ी कार्रवाई, पांच अधिकारी सस्पेंड
छह कर्मियों को मृत बता दूसरों को नौकरी देने के मामले में अफसर सस्पेंड।

तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। छह दर्जा चार कर्मचारियों को मृत बताकर उनकी जगह अन्य लोगों को नौकरी देने के हुए फर्जीवाड़े के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बड़ी कार्रवाई की है। दैनिक जागरण की ओर से 24 फरवरी के अंक में प्रकाशित किए गए इस मुद्दे के बाद सोमवार को सरकार ने मीयांविंड अस्पताल के सीनियर मेडिकल अधिकारी (एसएमओ) डा. नवीन खुंगर, सीनियर सहायक हरदविंदर सिंह व रविंदरपाल सिंह, सिविल सर्जन कार्यालय के सुपरिंटेंडेंट दलजीत सिंह, सीनियर सहायक जसविंदर सिंह को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए। साथ ही सेवानिवृत्ति सिविल सर्जन डा. अनूप कुमार के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए भी लिखा गया है।

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दरअसल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) मीयांविंड में छह दर्जा चार कर्मियों को फर्जी तरीके से मृत घोषित करके फर्जी आश्रितों को नौकरी देने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ था। ये फर्जीवाड़ा वर्ष 2020 को तब हुआ, जब जिले में डा. अनूप कुमार सिविल सर्जन थे। 24 फरवरी को दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रकाशित किया। इसके बाद जिले के सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित की। टीम की रिपोर्ट जब चंडीगढ़ पहुंची तो सीएचसी मीयाविंड में तैनात सीनियर सहायक हरदविंदर सिंह ने एक मंत्री की शरण लेने का प्रयास किया था। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मामले का कड़ा नोटिस लेते हुए सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता की अगुआइ में बनाई एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपित पाए गए अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दिए।

रिपोर्ट में दस्तावेज फर्जी पाए गए

सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि छह आश्रितों को तरस के आधार पर नौकरी देते समय जो दस्तावेज लिए गए, वे सभी फर्जी पाए गए हैं। सेहत मंत्री ने बताया कि तत्कालीन सिविल सर्जन डा. अनूप कुमार के कार्यकाल के दौरान यह नौकरी का फर्जीवाड़ा हुआ था। इस बाबत डा. अनूप कुमार के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

नौकरी व राशि पाने वाले सभी लोग सीनियर सहायक हरदविंदर सिंह के रिश्तेदार

सीएचसी में तैनात छह दर्जाचार कर्मचारियों को मृतक घोषित करके उनके परिवारों को एक-एक लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी करवाई गई थी। सीनियर सहायक हरदविंदर सिंह द्वारा जिन छह लोगों को तरस के आधार पर नौकरी दिलवाई गई, वह सभी उसी के रिश्तेदार हैैं। इस मामले में अभी ओर विभागीय जांच भी होने की उम्मीद है।

एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने दैनिक जागरण को बताया कि सीएचसी मीयांविड में नौकरी के हुए फर्जीवाड़े का मामला उन्होंने ही विभाग के ध्यान में लाया था। इसके बाद तीन मेंबरी एसआइटी बनाई गई थी। इसकी रिपोर्ट सेहत और परिवार भलाई विभाग को भेजी गई थी। इस आधार पर सेहत मंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए हैैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी।


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